वंदे भारत ट्रेन शुरू से ही रहा है पत्थरबाजों के लिए सॉफ्ट टारगेट, ट्रायल के वक्त ही चले थे पत्थर

Deobarat Mandal

देवब्रत मंडल

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वाराणसी-रांची वंदे भारत ट्रेन के इंजन का क्षतिग्रस्त शीशा

भारतीय रेल की अत्याधुनिक तकनीक और सुविधाओं से परिपूर्ण व आरामदायक ट्रेन वंदे भारत पर पत्थरबाजी की घटना कोई नयी नहीं है। इस ट्रेन का ट्रायल जब हो रहा था तो उसी समय ग्रैंडकॉर्ड रेलखंड पर पहली बार पत्थरबाजी हो गई थी। अब तो गया जंक्शन से और यहां से होकर कई वंदे भारत ट्रेनें चलाई जा रही है।

इंजन का शीशा चकनाचूर हो गया चालक दल सहम गए

बुधवार को वाराणसी से चलकर गया आ रही वाराणसी-रांची वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजों ने पत्थर मार दिया। इस ट्रेन के इंजन का शीशा चकनाचूर हो गया। हालांकि इसके शीशे एक विशेष प्रकार के हैं तो चालक दल को कोई क्षति नहीं पहुंची लेकिन पायलट एसके सिन्हा और सहायक लोको पायलट सुधीर कुमार घबरा गए। इसकी सूचना डीडीयू कंट्रोल पहुंच गई। चुकी ट्रेन गतिमान अवस्था में थी तो गया जंक्शन पर यह ट्रेन जब पहुंची तो संबंधित विभागों के लोग सक्रिय हुए। अब इस दिशा में जांच शुरू हो चुकी है।

रफीगंज पोस्ट प्रभारी निरीक्षक ने घटना की जांच शुरू किया।

हालांकि जिस स्थान पर पत्थर चलने की घटना का जिक्र चालक दल द्वारा रेल प्रशासन से किया गया है, उसके अनुसार घटनास्थल रफीगंज आरपीएफ पोस्ट के न्यायिक क्षेत्र अंतर्गत आता है। इस संबंध में जब रफीगंज आरपीएफ पोस्ट के प्रभारी निरीक्षक राम सुमेर से बात हुई तो उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर पत्थरबाजी की बात सामने आ रही है तो उसके अनुसार उनके द्वारा घटनास्थल के आसपास टीम को भेजकर  जांच कराई गई है। उन्होंने बताया कि घटनास्थल के आसपास गांव के बच्चों की खेलने की जगह है। उन्होंने संभावना जताई है कि हो सकता है बच्चों ने खेल खेल में पत्थर चला दिया हो, जिसके फलस्वरूप यह घटना कारित हो गई होगी। इनके कहने के अनुसार इस जगह पर असामाजिक तत्व के लोगों के होने की संभावना नहीं के बराबर है। फिर भी इसकी तहकीकात की जा रही है कि आखिर इसके पीछे कैसे प्रवृत्ति के लोगों के हाथ हो सकते हैं।

ट्रायल ट्रेन वंदे भारत पर पहली बार हुई थी पत्थरबाजी

बताते चलें कि पूर्व मध्य रेलवे कि ग्रैंड कॉर्ड रेलखंड पर धनबाद मंडल अंतर्गत रेसुब पोस्ट गोमो के द्वारा
ट्रायल टाटा-पटना-टाटा अप वन्दे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पर बंधुआ टनकुप्पा स्टेशन के मध्य किलोमीटर संख्या 455 के आसपास अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा पत्थर मारे जाने की घटना से वरिष्ठ रेल अधिकारियों को अवगत कराया गया था।
घटना के संदर्भ में है कि 10.09.24 को उप निरीक्षक आनंद आलोक रेसुब पोस्ट गोमो ने बताया था कि वे स्टाफ़ के साथ ट्रायल टाटा-पटना-टाटा अप वन्दे भारत एक्सप्रेस में गोमो से गया तक के लिए मार्गरक्षण ड्यूटी में तैनात थेl जिन्होंने बताया था कि मार्गरक्षण के दौरान समय क़रीब 11:10 बजे बंधुआ-टनकुप्पा स्टेशन के बीच किलोमीटर संख्या 455 के आसपास ट्रेन पर पूर्व दिशा से किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा पत्थर मारा गया। जिससे ट्रेन का कोच MC 3-4 के विंडो का आउटर ग्लास ब्रेक हो गया।

घटना के बाद पूर्व मध्य रेल के आईजी ने दिए थे सख्त निर्देश

इस घटना के बाद पूर्व मध्य के सभी रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट के निरीक्षक प्रभारी को आरपीएफ के आईजी अमरेश कुमार ने सख्त निर्देश देते हुए इस वंदे भारत ट्रेनों को सुरक्षित परिचालन सुनिश्चित करने को कहा था। इसके बाद सभी पोस्ट प्रभारी निरीक्षक अलर्ट मोड में टीम बनाकर इसे रोकने में लग गए थे और कामयाबी भी मिली।

नए पोस्ट प्रभारी निरीक्षक के पदस्थापना के बाद इस तरह की घटना हुई

गया-डीडीयू रेलखंड पर हुई ताजी घटना के पूर्व भी इस प्रकार की घटनाएं सामने आने लगी थी। जिसके बाद गया, रफीगंज, डेहरी-ऑन-सोन, सासाराम, डीडीयू, कोडरमा, गोमो, धनबाद आदि आरपीएफ पोस्ट के प्रभारी निरीक्षक द्वारा अपने अपने क्षेत्रों में इस पर विशेष निगरानी रखा जाने लगा। अब जबकि कुछ समय पहले ही पूर्व मध्य रेल के कई पोस्ट में नए पदाधिकारियों की पदस्थापना की गई है तो इस तरह की घटनाएं सामने आने लगी है। जरूरत है इन्हें एरिया डोमिनेशन की। जो की जा रही है। आम जनता, जनप्रतिनिधियों और खास मुखबिरों से समन्वय स्थापित करने की। साथ ही पूर्व में घटित इस प्रकार की घटनाओं का बारीकी से अध्ययन करने की भी आवश्यकता है। क्योंकि इस प्रकार की घटना काफी लंबे समय बाद हुई है।

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