प्रसिद्ध लोकगायिका शारदा सिन्हा के निधन की खबर ने पूरे देश, खासकर बिहार को गहरे शोक में डाल दिया है। आज छठ महापर्व के मौके पर, जब देशभर में उनके गाए छठ गीत ‘हो दीनानाथ’ और अन्य भक्ति गीत गली-गली में गूंज रहे हैं, ऐसे समय में उनका इस दुनिया से जाना संगीत प्रेमियों के लिए एक बड़ी क्षति है। शारदा सिन्हा के गीतों ने छठ पूजा के त्योहार को एक विशेष पहचान दी, और उनके गीतों के बिना यह पर्व अधूरा सा लगता था।
उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने सोशल मीडिया पर उनकी मृत्यु की पुष्टि करते हुए भावुक संदेश में लिखा, “आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे। मां को छठी मईया ने अपने पास बुला लिया है। मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं।”
मैथिली, भोजपुरी, और मगही लोकगीतों की ध्वजवाहक शारदा सिन्हा को 2018 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उनके गीतों में बिहार की माटी की महक और वहां की संस्कृति की गूंज थी। उनका संगीत हमेशा के लिए लोकगीत प्रेमियों के दिलों में जिंदा रहेगा।