ये कैसी सर्दी/शीतलहर है, जो केवल विद्यालयों में ही गिरती है और कोचिंग संस्थाओं में नहीं गिरती:केके पाठक

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देवब्रत मंडल

बिहार सरकार शिक्षा विभाग के अपर सचिव के० के० पाठक, भा०प्र०से० ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त को एक पत्र लिखकर कहा है कि ये कैसी सर्दी/शीतलहर है, जो केवल विद्यालयों में गिरती है और कोचिंग संस्थाओं में नहीं गिरती है। श्री पाठक ने शीतलहर इत्यादि कारणों से सरकारी विद्यालयों को बन्द करने के संबंध में यह पत्र जारी किया है। उन्होंने कहा है कि पिछले दिनों सर्दी/शीतलहर के चलते विभिन्न प्रमंडलों के विभिन्न जिलों में भांति-भांति के आदेश जिला प्रशासन द्वारा निर्गत किये गए। इन आदेशों को देखने से यह प्रतीत होता है कि ये आदेश धारा-144 के तहत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उल्लेखनीय है कि धारा-144 के तहत विद्यालय बन्द किया जाना एक गंभीर और वैधानिक मामला बन जाता है, क्योंकि इसके तहत हम कानून की धारा-144 CrPC को invoke करते हैं। उन्होंने आगे बताया कि जब हम कानून की कोई धारा (धारा-144 CrPC इत्यादि) को invoke करते हैं, तो हमें यह ख्याल रहना चाहिए कि इसके तहत पारित आदेश Judicial Scrutiny पर खरा उतरे। यह भी उल्लेखनीय है कि “Judicial order must stand the muster of equity.” यानी कि न्यायिक आदेश समान परिस्थिति में सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए।

किन्तु जिला दण्डाधिकारियों ने जिस तरह का आदेश धारा-144 में पारित किया है, उसमें केवल विद्यालयों को ही बन्द किया गया है। किन्तु अन्य संस्थानों / मामलों का जिक्र नहीं किया गया है- उदाहरणार्थ, जिले के कोचिंग संस्थाओं / सिनेमा हॉल/मॉल/दुकानें / व्यावसायिक संस्थानों इत्यादि की गतिविधियों अथवा समयावधि को नियंत्रित नहीं किया गया है। श्री पाठक ने प्रमंडलीय आयुक्त से कहा है कि ऐसी स्थिति में संबंधित जिला प्रशासन से यह पूछा जा सकता है कि ये कैसी सर्दी/ शीतलहर है, जो केवल विद्यालयों में ही गिरती है और कोचिंग संस्थाओं में नहीं गिरती है। उल्लेखनीय है कि इन कोचिंग संस्थाओं / Tuition Classes में हमारे ही विद्यालयों के बच्चे (कक्षा-4 से लेकर कक्षा-12 तक) पढ़ने जाते हैं। अतः जिला प्रशासन को सुझाव दिया जाए कि जब वे सर्दी/ शीतलहर के चलते कोई आदेश निकालते हैं, तो वह पूरे जिले पर समान रूप से लागू किया जाना चाहिए। इस प्रकार का आदेश निकालते समय कृपया एकरूपता एवं समरूपता को ध्यान में रखा जाए। इन सभी के आलोक में उन्होंने अनुरोध किया है कि पिछले दिनों इस प्रकार का आदेश जहां भी निकला है, उसे वापस लिया जाए। जहां तक सरकारी विद्यालयों का सवाल है, इस विभाग ने इन विद्यालयों की समयावधि 9 AM से 5PM तय कर रखी है। इस समयावधि को बदलने के संबंध में कोई भी आदेश निकालने के पहले शिक्षा विभाग की पूर्वानुमति अवश्य प्राप्त कर ली जाए। बात-बात पर विद्यालयों को बंद रखने की परम्परा पर रोक लगाने चाहिए। इस पत्र कि प्रतिलिपि सभी उप विकास आयुक्त, सभी क्षेत्रीग उप निदेशक, शिक्षा विभाग, सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को प्रेषित कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

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