टिकारी संवाददाता: लोक आस्था और विश्वास का महापर्व छठ पूजा का महत्व सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अतुलनीय है। यह पर्व समाज में सामूहिकता और एकता का प्रतीक है। टिकारी राज के जमाने से पंचदेवता घाट छठ पर्व के लिए कई मायनों के अतिमहत्वपूर्ण माना जाता है। टिकारी राज के जमाने का बना मंदिर और विशाल तालाब इस बात का गवाह है कि छठ पर्व और पंचदेवता का संबंध सदियों पुराना है। छठ पर्व का विशाल मेला हर वर्ष लगता है। लेकिन यह आज तक जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के उपेक्षा का शिकार होता आ रहा है। अब जबकि कोंच में कोचेश्वर मंदिर और टिकारी के केसपा में मां तारा देवी के नाम पर राजकीय महोत्सव शुरू हो गया है, तो पंचदेवता छठ घाट के प्राचीनता, ऐतिहासिकता व लोकपर्व की महानता के मद्देनजर यंहा भी छठ पर्व को राजकीय महोत्सव का रूप देने की मांग उठने लगी है। पंच देवता छठ घाट के राजकीय समारोह की मांग को लेकर कई लोगों ने अपनी बात रखी है। यह मांग इसलिए उठी है ताकि छठ महापर्व के दौरान लोगों को सुरक्षित और सुव्यवस्थित तरीके से पूजा-अर्चना करने का अवसर मिल सके।
इस मांग के पीछे का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि छठ घाट पर लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकें, जैसे कि साफ-सफाई, पेयजल, शौचालय, और अन्य आवश्यक सुविधाएं। इसके अलावा, राजकीय समारोह के तहत छठ घाट की सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत किया जा सकेगा। साथ छठव्रतियों की सुविधा के लिए धर्मशाला, पार्किंग, लाइट आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित हो सके। पंचदेवता घाट पर राजकीय छठ महोत्सव मनाने की मांग करने वालों में नगर परिषद के उप मुख्य पार्षद सागर कुमार, मंदिर के पुजारी कामता बिंद, सेवा भारती के अध्यक्ष नरेश प्रसाद, पूर्व सरपंच रामाशीष प्रजापति, प्रमोद यादव, महेश प्रसाद, किशोरी यादव, पूर्व जिला पार्षद सह कांग्रेस के प्रदेश प्रतिनिधि सत्येन्द्र नारायण, वरिष्ठ कांग्रेस नेता वाल्मीकि प्रसाद, बृजमोहन शर्मा सहित दर्जनों लोग शामिल हैं।