देवब्रत मंडल
गयाजी में पिंडदान कर स्वदेश लौटने वाले तीर्थयात्रियों को इस बार सरकार की तरफ से उपहार के रूप में गंगाजल दिया जाएगा। इसको लेकर यहां तैयारियां शुरू हो चुकी है।
17 सितम्बर से विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला होगा शुरू
इस वर्ष विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 2024 में देश विदेश से पिंडदान करने आ रहे तीर्थयात्रियों के लिए सरकार काफी कुछ कर रही है। फिलहाल पितृपक्ष मेला अंतरराष्ट्रीय मेला घोषित नहीं किया जा जा सका है, परंतु तैयारियां उसी स्तर की चल रही है। 17 सितंबर से शुरू हो रहा मेला 02 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में गंगाजल को लेकर दिया था निर्देश
7 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गया में पीपी मेला को लेकर समीक्षा बैठक की थी। बैठक में पिंडदानियों एवं तीर्थयात्रियों को पैकेजिंग कर गंगाजल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने इसे लेकर मगध दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड, सुधा डेयरी के प्रबंध निदेशक तथा जल संसाधन विभाग(गंगाजल) को निर्देश दिया है कि दोनों समन्वय स्थापित कर अविलंब कार्रवाई करें।
प्रबंध निदेशक ने कहा-तैयारियां शुरू कर दी गई है
मगध दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड, सुधा डेयरी के प्रबंध निदेशक ज्ञान प्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इच्छा है कि पितृपक्ष मेला में गयाजी आने वाले पिंडदानी और तीर्थयात्रियों को सरकार की ओर से गंगाजल उपहार स्वरूप भेंट किया जाए। इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है।
जल संसाधन विकास विभाग सुधा डेयरी को उपलब्ध कराएगा गंगाजल
जल संसाधन विभाग(गंगाजल) के एक अभियंता ने बताया कि यहां से प्यूरीफाई गंगाजल सुधा डेयरी उपलब्ध कराया जाएगा। जिसे डेयरी में पैकेजिंग किया जाएगा। इसके बाद गयाजी में पिंडदान कर लौटने वाले श्रद्धालुओं को विभिन्न सरकारी स्टालों से मुफ्त में यह उपहार उन्हें अपने अपने घर ले जाने के लिए दिया जाएगा।
500 मिली के पैक में उपलब्ध होगा गंगाजल
सुधा डेयरी में गंगाजल की पैकेजिंग की जाएगी। पैकेज के ऊपर सरकार की ओर से स्वीकृति प्रदान किए जाने के बाद स्लोगन और सरकार की इस उपहार योजना का संदेश प्रिन्ट कराया जाएगा। तीर्थयात्रियों को पीने के लिए और गंगाजल घर तक ले जाने के लिए तैयार किया जाएगा। हर पैकेज में गंगाजल की क्षमता 500 मिली होगी।
प्रतिदिन दस हजार तीर्थयात्रियों को गंगाजल उपलब्ध कराने का है लक्ष्य
पितृपक्ष मेला में देश के विभिन्न हिस्सों से तो यहां लाखों की संख्या में तीर्थयात्रियों का आगमन होता ही है, वहीं विदेशों से भी गयाजी में श्राद्ध(पिंडदान) के कर्मकांड के लिए अच्छी संख्या में लोग आते हैं। इस बार जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि प्रतिदिन कम से कम 10 हजार श्रद्धालुओं को उपहार स्वरूप ‘गंगाजल’ प्रदान किए जाएं। यह संख्या बढ़ भी सकती है, इसी हिसाब से सुधा डेयरी अपनी तैयारी कर रहा है।
मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है गंगाजल उद्भव योजना
गयाजी में पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध का महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गया श्राद्ध सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। पवित्र फल्गु के देवघाट पर वैसे तो सालों भर पिंडदान के कर्मकांड होते हैं लेकिन आश्विन मास के कृष्णपक्ष को पितृपक्ष माना जाता है तो इस अवधि में यहां लाखों की संख्या में लोग आते हैं। अन्तःसलिल फल्गु में सालों पर पानी रहे, इसी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गयाजी में गंगा को लाने के लिए गंगा उद्भव योजना बनाई थी जो आज श्रद्धालुओं के लिए आस्था का विशेष केंद्र बन गया है। फल्गु नदी में गयाजी डैम श्रद्धालुओं के साथ पर्यटकों के लिए आकर्षण और आस्था का केंद्र है।