गया लोकसभा चुनाव परिणाम: अनिश्चितता के बीच उम्मीदों का दंगल

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✍️ देवब्रत मंडल

लोकसभा चुनाव गया में शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। यहां राजद और हम(से.) के लिए अभी भी जीत को लेकर चिंतित हैं। कोई दावे के साथ नहीं कह रहा है कि हमारी जीत पक्की है। बोधगया विस क्षेत्र में राजद अपनी स्थिति को काफी फायदेमंद बता रहा है। शेरघाटी में बराबर की बात कही जा रही है। बाराचट्टी में हम(से.) को विरोध सहना पड़ा था तो यहां भी एनडीए के लोग चिंतित हैं। बेलागंज में राजद का प्रभाव देखने को मिला लेकिन हम(से.) भी अपनी स्थिति को राजद के मुकाबले बेहतर होने की चर्चा करते हैं। वजीरगंज में एनडीए महागठबंधन की तुलना में अच्छी स्थिति में बताई जा रही है।

गया टाउन विस क्षेत्र की बात करें तो महागठबंधन(राजद) समर्थक नेता और कार्यकर्ताओं ने भाजपा की नीति को समझने में चूक कर दी। शहर के मध्य, पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्र में उनकी पकड़ बेहतर देखने को मिले। उत्तरी क्षेत्र में राजद की स्थिति सबसे बेहतर देखने को मिले। पश्चिमी भाग में भी राजद के लोग मजबूती से केंद्रों पर डटे रहे। लेकिन बूथ मैनेजमेंट राजद का भाजपा की तुलना में बेहतर नहीं देखने को मिला। कार्यकर्ताओं को उत्साह बढ़ाने के लिए कोई इधर नहीं दिखाई दिए फिर भी जिन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई थी उन्होंने अपने दम खम पर अच्छा वोटिंग करवाए। कई वार्ड में गलत(विपक्षियों) व्यक्ति के हाथों में राजद की जिम्मेदारी दे दी गई जो गलत निर्णय साबित हो सकता है। जिसकी चर्चा राजद समर्थक कर रहे थे। कांग्रेस के कई नेता मतदान के समय में नजर नहीं आए। वाम दलों के नेताओं की भी उतनी रुचि नजर नहीं आई।

चुनाव में कार्यकर्ताओं को नाश्ता चाय पानी तक के लिए तरसते देखा गया। उत्तरी भाग में वोटर पर्ची नहीं मिल पाने के कारण भी कई समर्थक चाह कर भी वोट नहीं कर सके। मोबाइल के जरिये राजद समर्थकों ने मतदान करवाया। शहर के मध्य भाग में भाजपा(एनडीए) समर्थक सड़क पर नजर आ रहे थे लेकिन महागठबंधन के बड़े बड़े लोग(नेताजी) दुबके हुए लग रहे थे।

शहरी क्षेत्र के मतदाताओं ने कड़ी धूप झेलना मुनासिब नहीं समझा। राजद समर्थकों ने उत्तरी भाग में अपने अपने वोटरों को घर से लाने में कोई कसर नहीं छोड़ा।
एनडीए गठबंधन के लोग अपने वोटरों से लेकर कार्यकर्ताओं को अच्छी सुविधा दे रहे थे लेकिन महागठबंधन के लोगों में इसकी कमी दिखी। फोर व्हीलर से चलने वाले नेताओं को भी खाली हाथ बूथों तक आते देखा गया।

कई जगहों से चुनाव मैनेजमेंट में कमी की शिकायतें सुनने को मिले। एक बात अच्छी लगी कि राजद के वोटरों में जितना उत्साह देखने को मिले, उससे कुछ कम एनडीए के लोगों में देखने को मिला। एनडीए के खेमे में मायूसी के भाव चेहरे पर नजर आ रहे थे। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि 4 जून को जो रिजल्ट आने वाला है वो चौकाने वाला होगा।

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