वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल
31 जुलाई को केंद्रीय विद्यालय संख्या-2 गया के प्रभारी प्रधानाचार्य जैनेन्द्र कुमार मालवीय को इनके सेवानिवृत्त होने के पश्चात भावभीनी विदाई दी गयी। केन्द्रीय विद्यालय संख्या-2, ओटीए, गया के अत्यंत ही लग्नशील, प्रतिभावान व कर्मठ शिक्षक एवं शिक्षाविद् जैनेन्द्र कुमार मालवीय के सेवाकाल का आज अंतिम कार्य दिवस था। इन्होंने केन्द्रीय विद्यालय में सेवा का आरंभ प्राथमिक शिक्षक के रूप में दिनांक 19.10.1993 को केन्द्रीय विद्यालय पीपीसीएल, अमझोर, रोहतास से किया। तदुपरांत इनका स्थानांतरण केंद्रीय विद्यालय संख्या-1 बैरागी, गया तथा केंद्रीय विद्यालय संख्या-2, गया में हुआ। इन्होने अपने सेवाकाल में अनेक कीर्तिमान स्थापित किये। केवि अमझोर से ले कर केवि संख्या-1 एवं 2, गया तक जिन्होंने भी इनसे शिक्षा प्राप्त की, वे इनके मुरीद हैं ।इनके कक्षा अध्यापन की शैली उच्चकोटि की रही। ये मनोरंजनपूर्ण पाठ शैली से विद्यार्थियों को गुणवान एवं प्रतिभावान बनाते आ रहे हैं। इतना ही नहीं, इनके कुशल दिशा निर्देशन के बलबूते विद्यार्थियों ने शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ कलात्मक गतिविधियों में भी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक परचम लहराया। इनके आदर्श गुणों, कलात्मक विशेषताओं एवं कार्यशैली में दक्षता के कारण इन्हें पीपीसीएल अमझोर के चेयरमैन, केंद्रीय विद्यालय अमझोर, केंद्रीय विद्यालय संख्या 1 गया के एवं केंद्रीय विद्यालय संख्या 2 गया के विभिन्न प्राचार्य तथा जिले के अनेक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठनों के द्वारा इन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है। साथ ही केंद्रीय विद्यालय संगठन के द्वारा इन्हें वर्ष 2011 में कब मास्टर ( भारत स्काउट एवं गाईड) तथा वर्ष 2013 में शैक्षणिक क्षेत्र में संभागीय प्रोत्साहन पुरस्कार से उपायुक्त गुरुमूर्ति एवं एस०के०चौहान ने सम्मानित किया है।
अपने सेवाकाल में अपने कला कौशल से अनेक शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सामाजिक विज्ञान प्रदर्शनी व ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित प्रतियोगिता में अभिनय के क्षेत्र में स्वलिखित व निर्देशित लघुनाटिका में प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चमाध्यमिक के छात्र-छात्राओं को अपनी कड़ी मेहनत व लग्न के द्वारा पांच बार संभागीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कराते हुए राष्ट्रीय स्तर तक सफलता दिलायी। जिसमे “जागो भारत जागो” एवं “अग्रसोची सदा सुखी” राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया। इन्होने केंद्रीय विद्यालय द्वारा आयोजित प्राचार्य सम्मलेन, युवा संसद कार्यक्रम , भारत स्काउट एवं गाईड के कार्यक्रम इत्यादि को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन्होने नवनिर्मित(नवसृजित) केंद्रीय विद्यालय के उद्घाटन समारोह के अवसर पर सम्मानित केंद्रीय मंत्री, केंद्रीय विद्यालय के आयुक्त महोदय के उपस्थिति में स्वागत गान, स्वागत नृत्य अपने निर्देशन में विद्यालय के बच्चों के द्वारा प्रस्तुत करवाया तथा मंच का संचालन सफलतापूर्वक किया। ये अपने सेवा काल में सभी प्राचार्य, छात्र-छात्राएं व केंद्रीय विद्यालय संगठन के उच्चाधिकारियों के बीच अत्यंत ही लोकप्रिय रहे तथा सीसीए कोर्डिनेटर का पदभार सँभालते हुए विद्यालय के चहुमुखी विकास में समर्पित रहे। इनके सुपुत्र जीवेन्द्र एवं शिवेंद्र तथा सुपुत्री जागृति मालवीय ने भी केंद्रीय विद्यालय से ही शिक्षा ग्रहण की है। इनके सेवानिवृत पर केंद्रीय विद्यालय संख्या-2 गया के छात्र- छात्रओं के साथ-साथ पूर्व में इनसे शिक्षा प्राप्त किये विद्यार्थियों के चेहरे पर भी मायूसी छायी है। वे सभी सोशल मिडिया के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए अपने विद्यार्थी जीवन को याद कर भावुक हो रहे हैं और मालवीय सर को उत्कृष्ट कार्य हेतु शुभकामनाएं प्रेषित कर रहे हैं ।
केंद्रीय विद्यालय संख्या-2 गया के विद्यार्थियों ने सेवानिवृति पर इन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी तथा इनके मंगलमय जीवम हेतु ईश्वर से प्रार्थना की है। केंद्रीय विद्यालय राजगीर, केंद्रीय विद्यालय कंकड़बाग पटना , केंद्रीय विद्यालय दानापुर पटना, केंद्रीय विद्यालय झाझा व केंद्रीय विद्यालय के पूर्व सेवानिवृत शिख्सकों भी इनकी विदाई समारोह में सम्मिलित होते हुए सुखमय जीवन की कामना की। केंद्रीय विद्यालय संख्या-2, ओटीए, गया के प्राचार्य उमेश पाण्डेय ने अश्रुपूर्ण नेत्रों से विदाई देते हुए कहा कि वास्तव में जैनेंद्र कुमार मालवीय के सेवानिवृति से इनकी कमी हमें काफी खलेगी। उन्होंने कहा कि श्री मालवीय जी से निवेदन है कि ये केंद्रीय विद्यालय को कभी भूलेंगे नहीं और केंद्रीय विद्यालय तो इन्हें कभी भूलेगा ही नहीं। इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक- शिक्षिका एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे।