आईआईएम बोधगया ने अपने 7वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में 471 छात्रों को प्रदान की स्नातक उपाधि

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News Desk: भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) बोधगया ने अपने 7वें वार्षिक दीक्षांत समारोह का आयोजन किया, जिसमें 471 छात्रों ने तीन प्रतिष्ठित शैक्षणिक कार्यक्रमों से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इस समारोह में मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) से 310, एमबीए डिजिटल बिजनेस मैनेजमेंट (डीबीएम) से 91 और एमबीए अस्पताल एवं हेल्थकेयर मैनेजमेंट (एचएचएम) से 70 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं। यह आयोजन संस्थान के फ्लैगशिप एमबीए प्रोग्राम के साथ-साथ डीबीएम और एचएचएम के पहले बैचों के स्नातक का प्रतीक बना, जो उद्योग-केंद्रित और भविष्योन्मुखी शिक्षा पर आईआईएम बोधगया के बढ़ते फोकस को दर्शाता है।

दीक्षांत समारोह की शुरुआत आईआईएम बोधगया के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य डॉ. जनमेजया सिन्हा के स्वागत भाषण से हुई। अपने प्रेरणादायक संबोधन में डॉ. सिन्हा ने कहा, “जहां आप हैं, वहां से शुरू करें, जो आपके पास है उसका उपयोग करें और जो आप कर सकते हैं, वह करें।” उनके शब्दों ने उपस्थित छात्रों और दर्शकों में उत्साह का संचार किया।

संस्थान की निदेशक डॉ. विनीता सिंह सहाय ने वर्ष 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें शैक्षणिक उत्कृष्टता, बुनियादी ढांचे के विकास और वैश्विक सहयोग पर प्रकाश डाला गया। प्लेसमेंट के आंकड़े साझा करते हुए उन्होंने बताया कि तीनों कार्यक्रमों के 441 पात्र उम्मीदवारों में से 370 से अधिक छात्रों को सफलतापूर्वक प्लेसमेंट प्राप्त हुआ। एमबीए बैच के शीर्ष 25% छात्रों ने औसतन 18 लाख रुपये प्रति वर्ष (एलपीए), डीबीएम के शीर्ष 25% ने 21 एलपीए और एचएचएम के शीर्ष 25% ने 15 एलपीए का औसत सीटीसी हासिल किया। समग्र बैच औसत क्रमशः एमबीए के लिए 12 एलपीए, डीबीएम के लिए 12 एलपीए और एचएचएम के लिए 11 एलपीए रहा। डेलॉइट, पीडब्ल्यूसी, एक्सेंचर, आईसीआईसीआई बैंक और टाटा पावर जैसी प्रमुख कंपनियों ने भर्ती में हिस्सा लिया, जिसमें कंसल्टिंग, बीएफएसआई, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्र शामिल रहे।

समारोह के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया गया। तीन श्रेणियों में स्वर्ण पदक प्रदान किए गए: चेयरमैन स्वर्ण पदक, निदेशक स्वर्ण पदक और सर्वश्रेष्ठ सर्वांगीण प्रदर्शन के लिए आईआईएम बोधगया स्वर्ण पदक। एमबीए प्रोग्राम से मिहिर शॉ (चेयरमैन स्वर्ण पदक), अनिकेत कुमार गुप्ता (निदेशक स्वर्ण पदक) और गौड़ श्रीप्रसाद अरुण (सर्वश्रेष्ठ सर्वांगीण प्रदर्शन) सम्मानित हुए। डीबीएम प्रोग्राम से अंकिता (चेयरमैन स्वर्ण पदक), उदित अग्रवाल (निदेशक स्वर्ण पदक) और स्वप्निल संजय नरखेड़े (सर्वश्रेष्ठ सर्वांगीण प्रदर्शन) को पुरस्कार मिला। वहीं, एचएचएम प्रोग्राम से सत्यम कुमार (चेयरमैन स्वर्ण पदक), अभिनबा मन्ना (निदेशक स्वर्ण पदक) और आदर्श (सर्वश्रेष्ठ सर्वांगीण प्रदर्शन) को सम्मानित किया गया।

समारोह का समापन ओएनजीसी के चेयरमैन और सीईओ अरुण कुमार सिंह के मुख्य अतिथि संबोधन के साथ हुआ। अपने प्रेरक भाषण में उन्होंने छात्रों से कहा, “एक बार जब आप चौड़ाई हासिल कर लें, तो गहराई पर ध्यान दें। शुद्ध लेने वाले के बजाय शुद्ध देने वाले बनें। सच्चा नेतृत्व लेने से ज्यादा देने से आता है।” उनके शब्दों ने जिम्मेदारी और दीर्घकालिक विकास का संदेश दिया।

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