बिहार के मुजफ्फरपुर में शराबबंदी के बावजूद शराब माफिया के हौसले बुलंद हैं। हाल ही में, विशेष मद्य निषेध टीम ने मुजफ्फरपुर सदर थाना के भगवानपुर इलाके में एक ट्रक से करीब 1 करोड़ रुपये की अवैध विदेशी शराब की खेप जब्त की। इस कार्रवाई ने यह दिखाया कि शराब माफिया शराब तस्करी के लिए किस हद तक जा सकते हैं।
शराब की खेप को छिपाने के लिए माफिया ने ट्रक में कुरकुरे के कार्टन्स के बीच शराब की बोतलें रखी थीं, ताकि किसी को शक न हो। जैसे ही ट्रक का शटर खुला, पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम भी देखकर दंग रह गई। इस ट्रक में शराब के 994 कार्टन मिले। पुलिस ने ट्रक के ड्राइवर गिरधारी जाट और खलासी रमेश कुमार को मौके से गिरफ्तार कर लिया है। दोनों राजस्थान के जालौर जिले के भीमगोंडा गांव के रहने वाले हैं।
गुप्त सूचना से मिला सुराग
उत्पाद विभाग की खुफिया टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि यूपी नंबर का एक ट्रक शराब की बड़ी खेप लेकर बिहार आ रहा है। सूचना के आधार पर पटना मद्य निषेध टीम और मुजफ्फरपुर पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाया। मुजफ्फरपुर सदर थाना क्षेत्र के भगवानपुर में पुलिस ने संदिग्ध ट्रक की घेराबंदी की। ट्रक की तलाशी लेने पर अवैध विदेशी शराब के 994 कार्टन मिले, जो कुरकुरे के कार्टन्स से छिपाए गए थे।
माफिया के मंसूबों पर फिरा पानी
सदर थाना के अध्यक्ष अस्मित कुमार ने बताया कि यह शराब हाजीपुर में खपाने की योजना थी, लेकिन पुलिस की चौकसी से माफिया के मंसूबे धरे के धरे रह गए। गिरफ्तार ड्राइवर और खलासी से पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि इस खेप के पीछे कौन सा बड़ा माफिया है और इसे कहां से भेजा गया था।
शराबबंदी के बावजूद माफिया बेखौफ
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पूर्ण शराबबंदी लागू है, लेकिन इसके बावजूद राज्य में शराब तस्करी का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। यह घटना यह साबित करती है कि शराब माफिया कितने शातिर तरीके से अपने काम को अंजाम देने में लगे हुए हैं।
शराब की इस बड़ी बरामदगी के बाद पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में काम कर रही है। सवाल यह है कि आखिर कब तक शराब माफिया शराबबंदी के कानून को चकमा देने में कामयाब होते रहेंगे?