शराबबंदी कानून लागू बिहार में कब तक चलेगा जहरीली शराब से मौत का खेल?

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शराब पीने से 14 लोगों की मौत हुई है। अन्य लोगों का इलाज करवाया जा रहा है मामले को गंभीरता से लेते हुए इलाके में छापेमारी की गई और 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इलाके में शराब का निर्माण कहां हो रहा था। इसकी भी जानकारी ली जा रही है कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

डीएम सौरभ जोरवाल

कहने का तो पूरे बिहार में शराब बंदी कानून लागू है , पर इसी बिहार में आए दिन जहरीली शराब पीने से मौत का खेल बदस्तूर जारी है। ताजा मामला बिहार के पूर्वी चंपारण जिले की है जहां शनिवार को जहरीली शराब पीने से अब तक 25 लोगो की मौत हो चुकी है , और कई लोग अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही है। मिली जानकारी के अनुसार पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) के पांच थाना क्षेत्र हरसिद्धि, पहाड़पुर , तुरकौलिया , सुगौली और रघुनाथपुर मे जहरीली शराब पीने से मौत का सिलसिला शुरू हुआ , जिसमे अब तक करीब 25 लोगो की मौत हो गई है। शराब से मौत का सिलसिला जब शुरू हुआ तो प्रशासन ने इसे डायरिया करार दिया। मोतिहारी के डीएम सौरभ जोरवाल ने मामले की जांच के लिए मेडिकल टीम भेजी। मेडिकल टीम ने भी मरीजों में डायरिया के लक्षण पाए जा रहे है। और इसके बाद एक-एक कर 25 लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। हालांकि प्रशासन ने अब तक 14 लोगों की शराब से मौत की बात कही है छह लोगों की मौत को प्रशासन संदिग्ध बता रही है। इनमें से 3 लोगों का पोस्टमार्टम करवाया गया है।

लोगों की मौत के बाद गांव में लगी भीड़। – फोटो साभार : अमर उजाला

इस मामले में मोतिहारी के डीएम सौरभ जोरवाल ने कहा ” शराब पीने से 14 लोगों की मौत हुई है। अन्य लोगों का इलाज करवाया जा रहा है मामले को गंभीरता से लेते हुए इलाके में छापेमारी की गई और 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इलाके में शराब का निर्माण कहां हो रहा था। इसकी भी जानकारी ली जा रही है कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ” सवाल यही खत्म नहीं हो जाती है बल्कि सवाल दर सवाल और खड़ी हो जाती है जब तथाकथित शराबबंदी कानून लागू बिहार में शराब के नाम पर मौत धडल्ले से बटती है।

पिछले वर्ष भी छपरा शराबकांड में गई थी 77 की जान


पिछले साल दिसंबर महीने में भी छपरा में दुखद शराबकांड हुआ था। सारण जिले के अलग-अलग गांवों में जहरीली शराब से 77 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद नीतीश सरकार सवालों के घेरे में आ गई थी। विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को जमकर घेरा हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि जो पिएगा वो मरेगा ही, उन्होंने शराबकांड के पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने से भी इनकार कर दिया था। आखिरकार इन मौतों के जिम्मेवार कौन है? बिहार सरकार या बिहार की जनता जहां के लोग शराबबंदी कानून को पालन करने में सरकार का सहयोग नहीं करती है। मगध लाइव न्यूज के पाठक कृपया नीचे कमेंट बॉक्स में अपना बहुमूल्य कमेंट कर जरूर बताएं

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