✍️ देवब्रत मंडल
गया जंक्शन पर न तो यात्री का ‘मान’ सुरक्षित है और न तो ऑफिसर का सामान। वैसे तो 2024 के जुलाई महीने के 19 तारीख तक कई घटनाएं प्रतिवेदित हुई। जिसका जिक्र गया रेल थाना की डायरी में दर्ज है। किंतु कुछ घटनाएं ऐसी भी हुईं है, जो यह कहता है कि गया जंक्शन पर यात्री का मान यानी इज्जत सुरक्षित नहीं। वहीं गया जंक्शन के सबसे बड़े अधिकारी सुरक्षित नहीं हैं। ताजी घटना का जिक्र रेल महकमा में चर्चा का विषय बना हुआ है कि गया जंक्शन के सबसे बड़े अधिकारी एरिया ऑफिसर के कमरे में घुसकर उनके मोबाइल, घड़ी और नकद राशि लेकर भाग निकलने में अपराधी सफल रहा।
न यात्री सुरक्षित, न अधिकारी: गया जंक्शन पर सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त
हद तो इस घटना में हो गई कि जब एरिया ऑफिसर कृष्णा नंदन सहाय जब घटना के दौरान अपराधी को पकड़ना चाहे तो अपराधी उनके कमरे से निकल कर बाहर से दरवाजे की कुंडी लगा दिया और रफूचक्कर हो गया। एरिया ऑफिसर के जो बयानात हैं उसके अनुसार मध्य रात्रि के बाद 1:00 बजे के आसपास की घटना है। घटना भी एक सुरक्षित जगह पर हुई है। पीआरएस यानी जहां रेल यात्रियों के टिकट काउंटर हैं, उसके ऊपर बने कमरे में हुई है। इस घटना में पुलिस के हाथ खबर लिखे जाने तक खाली है। अब साहेब का सरकारी मोबाइल नंबर 9771427900 घटना के बाद बंद है। साथ मे एक और इनका पर्सनल सिम(जिओ) का है। टाइटन घड़ी और करीब 12-13 सौ रुपये नकद राशि की चोरी की प्राथमिकी गया रेल थाना में दर्ज है। इसके पहले एक यात्री के साथ हुई लूटपाट और चाकू से घायल करने के मामले में रेल पुलिस ने इस घटना में शामिल अपराधियों को ढूंढकर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया है लेकिन साहेब के साथ हुई मामले में सुराग हाथ नहीं लग सका है।
बच्ची के साथ हुई थी दुष्कर्म की घटना
गया जंक्शन के एक प्लेटफॉर्म पर से नन्हीं सी बच्ची को कुछ लोग उठाकर ले गए और अपना मुंह काला किया। बच्ची की मां अगले सुबह पटना जाने के लिए प्लेटफॉर्म पर बच्चों के साथ सो रही थीं। अपराधी ने गया जंक्शन के प्लेटफॉर्म से उठाकर पास में एक जगह पर ले जा कर अबोध बच्ची की अस्मत लूट ली। इस कांड ने गया से लेकर पटना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन सहित दिल्ली में बैठे पदाधिकारियों को हैरत में डाल दिया।
दिन रात एक कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया
घटना के बाद जो पुलिस का कर्तव्य है या कहें जिसके लिए इन सभी की यहां(गया जंक्शन पर) पदस्थापना की गई है, वे सभी अपराधी को पकड़ने के लिए दिन रात एक कर दिया। जिसमें आरपीएफ और रेल पुलिस के पदाधिकारियों ने तो आरोपी की पहचान कराते हुए कांड के उदभेदन में सफलता तो पा ली, पर पीड़िता का ‘मान’ तो चला ही गया। अब एरिया अफसर का चोरी गया सामान कब मिलता है और घटना को अंजाम देने वाला अपराधी कहां छिपा हुआ है, उसकी तलाश जारी है। पर साहेब का ‘सामान’ तो चला गया।
वैशाली जिले के रहनेवाले हैं एरिया ऑफिसर
एरिया ऑफिसर श्री सहाय जिनके साथ घटना हुई है वे वैशाली जिले के रहनेवाले हैं। जो गया जंक्शन के एरिया ऑफिसर के पद पर सेवारत हैं। घटना 17 जुलाई और 18 जुलाई की मध्य रात्रि के बाद की है।
एरिया ऑफिसर ने कहा अबतक मेरा मोबाइल नहीं मिला
एरिया ऑफिसर कृष्ण नंदन सहाय ने सोमवार को बताया कि उनका जो मोबाइल चोरी हुआ है। जिसमें दो सिम कार्ड थे। एक निजी व दूसरा निजी था। निजी नंबर को चालू करा लिए लेकिन चोरी गया मोबाइल अबतक पुलिस बरामद नहीं कर सकी है। उन्होंने कहा कि घटना के बाद वे एक सप्ताह की छुट्टी लेकर अपने घर आ गए हैं।