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फाइल फोटो (प्रतीकात्मक)

न्यूज डेस्क: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को बिहार के दो जिलों में व्यापक छापेमारी अभियान चलाते हुए प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) के पुनरुद्धार साजिश मामले में एक वांछित आरोपी को गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान सीपीआई (माओवादी) के जोनल कमेटी सदस्य बिहारी पासवान उर्फ राकेश उर्फ ऋषिकेश के रूप में हुई है। बिहारी पासवान के खिलाफ खगड़िया, बेगूसराय और बिहार के अन्य जिलों में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम [यूए (पी) ए], और आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम [सीएलए] की विभिन्न धाराओं के तहत कई मामले दर्ज हैं।

एनआईए की टीमें बिहार के बेगूसराय जिले में 7 और गया जिले में 2, कुल मिलाकर 9 स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड, और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए। छापेमारी में गिरफ्तार माओवादी नेताओं, उनके सहयोगियों, और संदिग्ध समर्थकों के घरों को भी खंगाला गया।

यह मामला 10 अगस्त 2023 को गया के टेकारी थाने में सीपीआई (माओवादी) के दो शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी के बाद सामने आया था। एनआईए ने 31 अगस्त 2023 को प्रतिबंधित संगठन के तीन सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इन सदस्यों में प्रमोद मिश्रा उर्फ सोहन दा (पोलित ब्यूरो सदस्य), अनिल यादव उर्फ अंकुश (सब-जोनल कमेटी सदस्य), और विनोद मिश्रा (सीपीआई माओवादी का समर्थक) शामिल थे।

गिरफ्तारी के बाद तीनों को पटना के बेउर जेल में रखा गया है। एनआईए के अनुसार, ये सदस्य संगठन को पुनर्जीवित करने और उसे मजबूत करने के लिए कैडरों की भर्ती और लेवी वसूली में सक्रिय रूप से शामिल थे। एनआईए ने इस साल फरवरी में पटना की विशेष अदालत में प्रमोद मिश्रा और अनिल यादव के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें संगठन की गतिविधियों को पुनः जीवित करने की साजिश का खुलासा किया गया। इस ताजा कार्रवाई से एनआईए ने सीपीआई (माओवादी) के नेटवर्क को कमजोर करने के अपने अभियान में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

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CRIME, NATIONAL,

Last Update: August 28, 2024