वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल
गया जिला मुख्यालय के मीडिया कर्मियों के साथ रेल प्रशासन द्वारा दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। 27 जून को रांची-पटना वंदे भारत ट्रेन का उदघाटन समारोह को लेकर गया जंक्शन पर तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। दोपहर बाद यह ट्रेन गया जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 6/7 पर आएगी। इसको लेकर प्लेटफॉर्म को सजाया संवारा गया है। इस उद्घाटन समारोह के न्यूज़ कवरेज करने के लिए गया के मीडियाकर्मियों को भी आमंत्रित किया गया है। पहले बात थी कि गया के मीडिया कर्मियों को गया से पटना जंक्शन तक रनिंग ट्रेन का लाइव कवरेज के लिए ट्रेन में साथ ले जाया जाएगा। डीडीयू के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का कार्य निर्वहन करने वाले एक पदाधिकारी ने दो दिन पहले यह कहकर मीडिया कर्मियों के डिटेल्स भेजने की बात कही। यहां के कई मीडियाकर्मियों के नाम, मोबाइल नंबर और उनके I-card की कॉपी मंगवा ली थी। कमिटमेंट हुआ कि गया से मीडियाकर्मियों को वंदे भारत ट्रेन में पटना जंक्शन तक न्यूज़ कवरेज करने के लिए ले जाया जाएगा। कई रिपोर्ट्स ने अपनी अपनी डिटेल्स उन्हें समय से उपलब्ध करा दिए। लेकिन आज यानी 27 जून की सुबह जब magadhlive के द्वारा तत्सम्बन्धी जानकारी प्राप्त करने के लिए डीडीयू के वाणिज्य विभाग के एक पदाधिकारी से संपर्क किया तो उन्होंने स्पष्ट रूप से यह कह दिया कि ऐसा कोई अरेंजमेंट नहीं है। केवल गया जंक्शन की न्यूज़ कवरेज करने की बात है।
जबकि देखा जाए तो पटना और रांची के मीडिया कर्मियों को इस ट्रेन के उद्घाटन समारोह और रनिंग ट्रेन की लाइव न्यूज़ कवरेज करने के लिए आमंत्रित किया गया है। जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर देखा जा सकता है। वहीं ट्रायल रन के दौरान हजारीबाग स्टेशन पर पूर्व मंत्री के पुत्र जयंत सिन्हा के सफर को लेकर मीडिया ने सवाल उठाए थे। अब जबकि गया के मीडिया कर्मियों को जब इस बात की जानकारी मिली है कि अपरिहार्य कारणों से उन्हें रनिंग ट्रेन में कवरेज करने से मनाही कर दी गई है तो यह सवाल उठने लगा है कि आखिर गया के पत्रकारों के साथ ही क्यों दोहरा मापदंड रेल प्रशासन द्वारा अपनाया जा रहा है? पटना और रांची के मीडिया कर्मियों को इसके लिए अनुमति दिए जाने के सवाल पर यह कहकर पल्ला झाड़ने जैसी बात कह दी गई कि ये सब ‘ऊपर’ से अचानक बदलाव किया गया है।