एक महिला और उसके दो नाबालिग बच्चे गया स्टेशन पर खो गए थे। रेल मदद के माध्यम से रेलवे को सूचना मिली और आरपीएफ की मेरी सहेली टीम ने सीसीटीवी के माध्यम से उन्हें खोज निकाला। महिला और बच्चों को सुरक्षित आरपीएफ पोस्ट पर लाया गया और शिकायतकर्ता को सूचना दे दी गई।
मामला कुछ यूं है
गया स्टेशन पर खोई हुई एक महिला और उसके साथ के दो नाबालिक बच्चों को आरपीएफ की मेरी सहेली टीम ने सीसीटीवी के माध्यम से खोज निकाला और उन्हें सुरक्षित आरपीएफ पोस्ट पर लाया गया है। रेल मदद के माध्यम से रेलवे को सूचना मिली थी कि एक महिला और उसके साथ के दो बच्चे गया जंक्शन पर खो गए हैं। सीसीटीवी फुटेज के मदद से महिला और बच्चों को ढूंढ निकाला गया।
पोस्ट प्रभारी निरीक्षक अजय प्रकाश ने बताया
आरपीएफ पोस्ट प्रभारी निरीक्षक अजय प्रकाश ने बताया कि शिकायतकर्ता से संपर्क होने के बाद महिला का फोटो मांगा गया, लेकिन उन्होंने बताया कि उनके पास की-पैड फोन है और फोटो नहीं दे सकते हैं। शिकायतकर्ता ने बताया कि वे इटावा स्टेशन से गया स्टेशन के लिए ट्रेन पकड़ कर लौट रहे हैं और देर रात 2:00 बजे गया स्टेशन पहुंच जाएंगे। तब तक भाभी को खोजबीन करने के लिए कहा गया। जांच के क्रम में गया रेलवे स्टेशन में अनाउंस करवाया गया और ऑन ड्यूटी अधिकारी, स्टाफ एवं मेरी सहेली टीम के द्वारा गया रेलवे परिसर में खोजबीन की गई।
सीसीटीवी के सहारे खोज की गई
सीसीटीवी में तैनात महिला आरक्षी सोनिका कुमारी ने बताया कि बुकिंग काउंटर के पास एक महिला दो बच्चे के साथ बैठी हुई दिख रही है। महिला और बच्चों को सुरक्षित आरपीएफ पोस्ट पर लाया गया है और शिकायकर्ता को सूचना दे दी गई है।
प्रौद्योगिकी और सुरक्षा एजेंसियों के बीच सहयोग से बचाई जा सकती है जान
यह कहानी हमें दिखाती है कि कैसे प्रौद्योगिकी और सुरक्षा एजेंसियों के बीच सहयोग से लोगों की जान बचाई जा सकती है। सीसीटीवी के माध्यम से महिला और बच्चों को खोज निकालना एक अच्छा उदाहरण है कि कैसे तकनीक का उपयोग लोगों की सुरक्षा के लिए किया जा सकता है।
मदद के लिए पूछने में संकोच नहीं करना चाहिए
इस कहानी से हमें यह भी सीख मिलती है कि जब हम खो जाते हैं या किसी मुश्किल में होते हैं, तो हमें मदद के लिए पूछने में संकोच नहीं करना चाहिए। रेल मदद के माध्यम से रेलवे को सूचना देने से महिला और बच्चों को सुरक्षित वापस पाने में मदद मिली।