बिहार के नक्सल प्रभावित मोहनपुर प्रखंड क्षेत्र में स्थित सिंधुगढ़ ओपी को थाना का दर्जा मिलने की खबर से क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है। लंबे समय से बंद पड़े इस ओपी को थाना का दर्जा मिलने से अब लोगों को अपनी समस्याओं का समाधान और सुरक्षा सेवाओं की उम्मीद है। इस नए बदलाव से स्थानीय प्रशासन और जनता के बीच संवाद और सहयोग में वृद्धि होने की आशा की जा रही है। नए थाना का शुभारंभ जल्द ही होने की उम्मीद है, जिससे क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार होगा। यह बदलाव स्थानीय लोगों के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है।
मोहनपुर प्रखंड के पूर्व प्रमुख श्रीधरनारायण यादव ने बताया की ये बड़ी ही खुशी की बात है की सिंधगढ़ ओपी को अब पूर्ण थाना का दर्जा मिला है। इस थाने के खुलने से सिंधुगढ़ सहित आसपास के क्षेत्र के लोगों को अपनी समस्याओं के लिए मोहनपुर नही जाना पड़ेगा, और वे अपने निकटतम थाने में ही सहायता प्राप्त कर सकेंगे। इससे समय की बचत होगी और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने बताया की बीते कुछ दिनों पूर्व बंदा गांव में घटित एक दुखद घटना के दौरान मौके पर जांच करने पहुंची सिटी एसपी प्रेरणा कुमार से हमने इस संबंध में मांग भी किया था की सिंधुगढ़ ओपी को पुनः चालू किया जाए।
ज्ञात हो नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए सिंधुगढ़ गांव को 1989 में टीओपी मिला था। जिसे 2004 में तत्कालीन ऊर्जा मंत्री शकील अहमद खां के द्वारा सिंधुगढ ओपी का उद्घाटन किया गया था। 2014 में यहां से पुलिस बल को हटा लिया गया था। उस समय से अब तक ओपी बंद पड़ा था।
सिंधुगढ़ को थाना का दर्जा मिलने की खबर मिलते ही क्षेत्र के लोगों ने इस नए थाने का स्वागत किया है और इसे अपने इलाके की प्रगति की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना है। थाने के खुलने से न केवल सुरक्षा में बढ़ोतरी होगी, बल्कि यह सामाजिक विकास में भी योगदान देगा।