✍️ दीपक कुमार
बिहार के सभी जिलों और प्रखंडों में आज समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने एक विशेष आध्यात्मिक मुहिम चलाई, जिसे ‘सत्य आध्यात्मिक क्रांति’ के नाम से जाना जा रहा है। इस मुहिम के तहत संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित आध्यात्मिक पुस्तकें, जैसे ‘ज्ञान गंगा’ और ‘गीता तेरा ज्ञान अमृत,’ का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया गया।
राज्यभर में हजारों की संख्या में अनुयायियों ने भाग लिया और विभिन्न स्थलों पर स्टॉल लगाकर इन पुस्तकों का वितरण किया। पटना, गया, नवादा, सहरसा, दरभंगा ,रोहतास और भागलपुर सहित अन्य जिलों में इस अभियान ने विशेष रूप से लोगों का ध्यान आकर्षित किया। नवादा जिले के सद्भावना चौक पर इस अभियान में शामिल अनुयायी सियाराम दास ने बताया कि उनके गुरुदेव संत रामपाल जी महाराज का एकमात्र उद्देश्य है, “पूरे विश्व को सतभक्ति प्रदान कर उन्हें मोक्ष के मार्ग पर चलाना।”
सियाराम दास ने यह भी कहा कि वर्तमान समय में कई आध्यात्मिक गुरुओं ने मनमानी पूजा और साधना के माध्यम से समाज को भ्रमित कर रखा है, जिससे लोग आध्यात्मिकता से दूर होकर गलत कार्यों में संलिप्त हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि संत रामपाल जी महाराज समाज में व्याप्त कई बुराइयों जैसे दहेज प्रथा, नशाखोरी, भ्रष्टाचार, चोरी, और व्यभिचार जैसे अनेक बुराइयों को समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। उनका उद्देश्य है एक स्वच्छ, बुराईयों से मुक्त समाज का निर्माण करना।
इस विशेष पुस्तक प्रचार-प्रसार अभियान के पीछे का मुख्य उद्देश्य भी यही है कि लोग किसी भी भ्रम में न पड़ें और इन अनमोल पुस्तकों को पढ़कर अपने जीवन का कल्याण करें। अनुयायियों का मानना है कि ‘ज्ञान गंगा’ और ‘गीता तेरा ज्ञान अमृत’ जैसी पुस्तकें न केवल आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करती हैं, बल्कि विश्व के विभिन्न धर्मों के धर्मग्रंथों के प्रमाणों पर आधारित सत्य को भी उजागर करती हैं, जो आज के समय में अत्यधिक प्रासंगिक है।
संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों के इस प्रयास ने पटना, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर ,नवादा, दरभंगा ,रोहतास, सहरसा सहित पूरे राज्य में आध्यात्मिकता की एक नई लहर पैदा कर दी है, और लोगों को सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया है।