टिकारी संवाददाता: सीयूएसबी के शिक्षक शिक्षा विभाग (डीटीई) द्वारा जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर एक व्याख्यान का आयोजन किया। जन संपर्क पदाधिकारी मो. मुदस्सीर आलम ने बताया कि कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह की देखरेख में शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और एनसीटीई के निर्देशानुसार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे डा. जावेद अहसन, सहायक प्राध्यापक, बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा ‘इफ़ेक्ट ऑफ क्लाइमेट चेंज आन अवेलेबिलिटी आफ ड्रिंकिंग वाटर एंड इट्स रेमेडीज’ विषय पर व्याख्यान दिया गया। अहसन ने अपने व्याख्यान में जलवायु परिवर्तन और पेयजल उपलब्धता पर इसके प्रभाव का व्यापक परिदृश्य प्रस्तुत किया। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पेयजल की कमी दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। अतिथि वक्ता ने इस समस्या को हल करने के लिए कुछ नवीनतम दृष्टिकोण साझा किए। डा. अहसन ने सीयूएसबी के विश्वविद्यालय परिसर का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए गया क्षेत्र की पेयजल उपलब्धता पर भी चर्चा की। उन्होंने उदाहरण के तौर पर ‘जीरो वाटर डिस्चार्ज मॉडल’ का विस्तार से चर्चा करते हुए सीयूएसबी परिसर की जल प्रबंधन प्रणाली की सराहना की। कार्यक्रम का आयोजन डीटीई की सांस्कृतिक और साहित्यिक समिति द्वारा किया गया था।
सीयूएसबी में पेयजल उपलब्धता पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर विशेष व्याख्यान
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