धान की रोपनी करने खेत मे उतरी अनुमंडल कृषि पदाधिकारी , रोपनी के पारंपरिक गीत से महिलाओं ने किया स्वागत

किसान ने पदाधिकारी के कार्य का किया सराहना

टिकारी संवाददाता: धान का कटोरा टिकारी में शुरू हुई रोपनी का असर पदाधिकारियों पर भी पड़ने लगा है। वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर सोमवार को अनुमंडल कृषि पदाधिकारी ने चारों प्रखंडों का भ्रमण किया। इस क्रम में टिकारी के जोलह बीघा में स्थानीय किसान महादेव यादव के खेत मे चल रहे रोपनी का जायजा लेने अनुमंडल कृषि पदाधिकारी शिम्पी कुमारी खेत मे पहुंच गई। जंहा खेत मालिक सह किसान यादव से रोपनी के बारे में जानकारी ली और उन्हें कृषि योजनाओं से अवगत कराया।

अनुमंडल कृषि पदाधिकारी ने की धान की रोपनी
रोपनी वाले खेत में पहुंचने पर धान रोपने के तरीकों की जानकारी महिला रोपनहारो को देते हुए कृषि पदाधिकारी खेत मे स्वयं उत्तर गयी और धान रोपने लगी। महिला पदाधिकारी को रोपनी करते देख किसान के साथ रोपनहार भी दंग रह गए और खुशी में रोपनी का पारंपरिक गीत गाकर स्वागत किया। महिलाएं “चला सखी रोपि आई खेतवन में धान, बरसि जाई पानी रे हारी..” जैसे लोक गीत जुगलबंदी कर गाने लगी तो कृषि पदाधिकारी का मन प्रसन्न हो गया। गीत सुनने के बाद महिलाओं से यह जानने की कोशिश कि की रोपनी में किस तरह का गीत और क्यो गाया जाता है। इसके पीछे क्या उद्देश्य है। जानकारी लेने के बाद शिम्पी कुमारी अपने विभागीय सहकर्मियों के साथ वापस लौट गई।

किसान यादव ने बताया कि पहली बार हमारे खेत मे कोई कृषि अधिकारी आकर स्वयं रोपनी की, यह मेरे लिए सौभाग्य है। उन्होंने दैनिक जागरण अखबार में धान रोपनी की छपी खबर की सराहना करते हुए कहा कि उसी का देन है कि पदाधिकारी का आगमन रोपनी के खेत मे हुआ। वंही कृषि पदाधिकारी शिम्पी कुमारी ने कहा कि धान रोपने का मेरा यह पहला अनुभव था और रोपाई करते बहुत अच्छा लगा। रोपनहारों के गीत ने मन को आनंदित कर दिया। अवसर पर कृषि समन्वयक प्रेम कुमार, आत्मा अध्यक्ष ब्रजेन्द्र कुमार, शिशु कांत गौतम, संतोष प्रसाद आदि विभागीय कर्मी मौजूद थे।