वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल
गया शहर के कॉटन मिल बालाजी नगर की जमीन की खरीद बिक्री विवादों के घेरे में है। जिसे देखते हुए इसकी रजिस्ट्री पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। हालांकि इस संबंध में कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है लेकिन विवादों को देखते हुए जिलापदधिकारी के निर्देश पर जिला निबंधन पदाधिकारी लखन प्रसाद ने जांच की प्रक्रिया पूरी होने तक रोक लगा दिया है। magadhlive को उन्होंने बताया कि एनएलबीडी, जमीन मालिक के बीच हुई यहां जमीनों की खरीद बिक्री को लेकर पूर्व मुखिया रविन्द्र यादव ने सरकार के पास एक लिखित शिकायत दर्ज कराई है। सरकार की ओर दिए गए निर्देश और डीएम के आदेश(मौखिक) पर मामले की जांच कराई जा रही है। जबतक स्थिति स्पष्ट(जांच पूरी) नहीं हो जाती है कुछ प्लॉट के निबंधन पर रोक रहेगी। इधर, पूर्व मुखिया रविन्द्र यादव से जब magadhlive ने जानकारी ली तो इनका कहना था कि जो कॉटन मिल की जिस जमीन की हाल ही में रजिस्ट्री एनलबीडी के नाम से की जा रही है या की जा चुकी है, उसमें कई तरह की अनियमितता हुई है।
जिस जमीन पर काफी पहले से मकान बने हुए थे, उसे परती दिखाकर जमीन की रजिस्ट्री हुई। जिससे सरकार के राजस्व को काफी हानि हुई है। जिसकी जांच की मांग उन्होंने सरकार से की है। वहीं वर्षों से कॉटन मिल में बने मंदिर और पुलिस अड्डे की जमीन को भी बेचने की कोशिश की जा रही है। इस सम्बंध में जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार अब इसमें समझौता के तहत पुलिस अड्डे के जीर्णशीर्ण भवन को और मंदिर के जीर्णोद्धार कराने को एनलबीडी और क्रेता तैयार है। इसी बात पर सहमति होने की बात बताई जाती है। बहरहाल एक जमीन जिसकी रजिस्ट्री को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ है, उसके बारे में बताया जाता है कि चार व्यक्तियों के नाम जमीन का निबंधन होना था। सब कुछ हो चुका था, केवल क्रेता और विक्रेताओं के बीच निबंधन पदाधिकारी के समक्ष करार होना था।
इसी बीच एक व्यक्ति निबंधन पदाधिकारी के समक्ष एनलबीडी के साथ कई वर्ष पूर्व हुए करार की कागज़ात के साथ उपस्थित हो गया। यानी कि एनएलबीडी किसी व्यक्ति को जमीन देने के लिए करीब 12 लाख रुपए लेकर अग्रीमेंट कर चुका था और इधर उसी जमीन को किसी अन्य के नाम से रजिस्ट्री की जा रही थी, उसी जमीन के निबंधन पर रोक लगा दी गई है। वहीं कॉटन मिल बालाजी नगर में आम गैरमजरूआ और खास गैरमजरूआ जमीन की भी खरीद बिक्री और अन्य अनियमितता को लेकर कॉंग्रेस के वरिष्ठ नेता बलराम शर्मा भी एक परिवाद जिला लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत दायर कर चुके हैं। जिनके मामले की भी सुनवाई चल रही है।
इधर, एक और नया मामला एक दो दिन पहले का सामने आया है कि थर्ड फेज की जमीन की खरीद बिक्री के लिए जमीन को समतल करने के लिए बिना किसी सरकारी आदेश के इस पर लगे आम, पीपल आदि के बड़े बड़े पेड़ को काट दिया गया है। इसकी शिकायत भी वन विभाग के रेंजर से की गई तो एक दो पेड़ जो काटे जा रहे थे, उस पर रोक लग गई है। बताया जाता है कि एक लाख रुपये में पेड़ का सौदा एक आरा मशीन के संचालक से दो व्यक्ति(जो एनलबीडी के लिए काम करते हैं) के साथ करार हुआ है। जब आरा संचालक के मजदूरों ने पेड़ काटना शुरू किया तो अधिकारियों तक इसकी शिकायत पहुंच गई और पेड़ की कटाई पर रोक लग गई है। बताया जाता है वन विभाग से पेड़ काटे जाने से संबंधित कोई आदेश नहीं है, येन केन प्रकारेण कई पेड़ काट लिए गए।