✍️देवब्रत मंडल
गया नगर निगम में पिछले छह महीने से संवैधानिक संकट जगजाहिर है। नए बोर्ड के गठन के छह महीने बीत गए। पार्षद जहां लाचार नजर आ रहे हैं, वहीं कल तक(01 जुलाई) पिछले दिनों हुई सशक्त स्थायी समिति की बैठक की कार्यवाही पुस्तिका निर्गत नहीं हो पाई है। सूत्र बताते हैं कि नगर आयुक्त ने इसके लिए सरकार से मार्गदर्शन मांगा है। इस बीच इधर 26 जून को सशक्त स्थायी समिति के तीन सदस्यों यथा स्वर्णलता वर्मा, अशोक कुमार और विनोद कुमार यादव द्वारा दिये गए इस्तीफे को मेयर बीरेन्द्र कुमार उर्फ गणेश पासवान ने 27 जून को ही मंजूरी देते हुए नगर आयुक्त को एक पत्र भेजकर अग्रेत्तर कार्रवाही के लिए अनुरोध किया है। इसके बाद नगर आयुक्त अभिलाषा शर्मा ने 28 जून को मेयर द्वारा इस्तीफे से संबंधित पत्र के आलोक में आगे बढ़ाते हुए नगर विकास एवं आवास विभाग को पत्र भेज दी हैं। ऐसे में सशक्त स्थायी समिति के नए सिरे से गठन को लेकर रविवार तक सरकार की ओर से कोई गाइडलाइंस नहीं यहां नहीं भेजा जा सका है। ऐसे में सात सदस्यीय सशक्त स्थायी समिति में केवल चार मनोनीत सदस्य ही बच गए हैं। ऐसे में सशक्त स्थायी समिति के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है। सूत्र बताते हैं कि नए सदस्यों का चयन कर मेयर द्वारा इसकी सूची फिर से सौंपी जाएगी। इसके बाद सरकार की ओर से नए सदस्यों का शपथ ग्रहण कराया जाएगा। चर्चा है कि जिन तीन सदस्यों ने अपना त्यागपत्र दे दिया है। उसमें से दो के पुनः वापस लेने की बात है लेकिन इनमें से एक सदस्य को पुनः समिति में शामिल नहीं किया जा सकता है। उनकी जगह पर वार्ड नं 26 से निर्वाचित हुए वार्ड पार्षद अखौरी ओंकार नाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव को समिति में स्थान दिया जा सकता है। बहरहाल, इस्तीफे के बाद सरकार की ओर से रविवार तक कोई निर्देश गया नगर निगम में नहीं पहुंचा है।