गया के हिच्छापुर गांव में एक साथ पहुंचा पांच लोगों के शव, परिजनों के साथ ग्रामीणों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा

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रिपोर्ट – महताब अंसारी , कोंच संवाददाता

कोंच। ईंट भट्ठा पर कार्य करने को लेकर जा रहे मजदूर के शव गांव पहूचते ही पंचायत व आसपास के सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। घर पर शव आते ही परिजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया। मालूम हो कि उतर प्रदेश के मथुरा से अपने गंतव्य स्थान पर जाने के लिए कोंच के हिच्छापुर महादलित टोला के मजदूरों ने एक पीकअप वैन पर सवार होकर गुरूवार की अहले सुबह निकले थे। जिसमें दर्जनों महिला पुरूष मजदूर अपने बच्चों के साथ ईट भट्ठा पर काम करने के लिए चले थे। रास्ते में वाहन अचानक एक बिजली के खम्भा से जा टकराया। बिजली के खम्भा से टकराने से 11 kv के तार टूटकर वाहन से जा टकराया। जिससे वाहन में बिजली की करंट का झटका लगा। करंट के झटके से बचने के लिए मजदूरों ने वाहन से कुदना शुरू कर दिया था। जिससे ड्राइवर बिजली के झटके से बचने के लिए पीकअप वैन को पीछे की ओर घुमाया। जिससे वाहन से कूद रहे हिच्छापुर महादलित टोला के सोखेन्द्र मांझी के 30 वर्षीय पत्नी गौरी देवी, पांच वर्षीय पूत्री कोमल कुमारी, प्रेम मांझी के 30 वर्षीय पत्नी कुंती देवी, पूत्री प्रियंका कुमारी 6 वर्ष इसके अलावा परैया थाना क्षेत्र के उपरहुली गांव के मानो कुमारी वाहन की चपेट में आ गए और इन सभी की मौत घटना स्थल पर ही हो गई थी। वहीं, अनिता देवी व पूत्र गगन कुमार, प्रेम मांझी, सोखेन्द्र मांझी समेत आधा दर्जन मजदूरों की भी चोटें आईं और गगन कुमार के दाहीना जांघ की हड्डी टूट गई।

उत्तर प्रदेश के मथुरा से शवों को शुक्रवार को गांव लाया गया। शव आते ही इलाके में यह खबर आग की तरह फैल गई। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों की भीड़ जुट गई। लॉ एंड आर्डर को देखने के लिए पुलिस प्रशासन समेत प्रखण्ड विकास पदाधिकारी विपुल भारद्वाज, अंचल अधिकारी मुकेश कुमार , थानाध्यक्ष धनंजय कुमार सिंह कैंप कर रहे थे। घटना की सूचना मिलते ही पूर्व मंत्री सह वर्तमान विधायक डा. अनिल कुमार, पैक्स अध्यक्ष अनिल वर्मा, जिला पार्षद प्रतिनिधि सत्येन्द्र प्रजापति, मोहन यादव, मुखिया राम निवास प्रसाद समेत अन्य लोगों ने परिजनों को सांत्वना दी। देर शाम हिच्छापुर गांव के ही शमशान घाट पर चार लोगों का अंतिम संस्कार हुआ। सभी की आंखें नम थी। गांव में पहली बार एकसाथ इतने लोगों का एकसाथ शव देख कर ग्रामीणों के आंसू थम नहीं रहे थे। मुखिया द्वारा कबीर अन्तयेष्टी के तहत तीन-तीन हजार रूपये परिजनों को दिया गया है। शोक और पीड़ा से घिरे हिच्छापुर के लोगों के लिए ये हादसा ऐसी त्रासदी है, जिसने उनके कई परिवारों की खुशियां छीन ली।

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