वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल
गया में सोमवार को गया नगर निगम के एक वार्ड पार्षद के प्रतिनिधि की गिरफ्तारी उस जगह से हुई, जहां नगर आयुक्त को यहां से हटाने को लेकर मेयर, डिप्टी मेयर, निवर्तमान डिप्टी मेयर के साथ कई पार्षद और पार्षद प्रतिनिधि भी मौजूद थे। दरअसल पुलिस पर हमले के आरोपी वार्ड नंबर 35 के पार्षद पति मुजम्मिल आलम को पुलिस होटल गर्व पहुंची थी। करीब 2 घंटे के हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। मुजम्मिल के विरुद्ध कई कांड दर्ज हैं। जिसमें एक आरोप है कि जब पुलिस मुजम्मिल को पकड़ने गई थी तो एकजुट होकर पुलिस पर लोगों ने हमला कर दिया था और मुजम्मिल को छुड़ाकर ले भागे थे। होटल गर्व में निगम पार्षदों के एक गुट की बैठक चल रही थी। जिसमें मेयर, डिप्टी मेयर पूर्व डिप्टी मेयर भी मौजूद थे। इस गिरफ्तारी के दौरान मीडिया कवरेज करने गए एक दैनिक अखबार के पत्रकार के साथ पूर्व डिप्टी मेयर के ‘बाउंसर’ उलझ पड़े और वीडियो करने की बात को लेकर बहस तक कर डाला। यही नहीं, पुलिस जब आरोपी मुजम्मिल को गिरफ्तार कर रही थी तो एक वार्ड पार्षद पत्रकार व एक बड़े न्यूज़ चैनल के पत्रकार के साथ उलझ पड़ा। दोनों को देख लेने की धमकी भी दे डाली। इधर, रामपुर थाने की पुलिस वांछित को पकड़ने के लिए गई थी, सो गिरफ्तारी की।
मुजम्मिल को गिरफ्तार करने के लिए काफी संख्या में पुलिस बल गर्व होटल पहुंची थी। कारण था इसके पहले पुलिस पर हमला बोला जा चुका था, इसलिए पुलिस पूरी तैयारी के साथ पहुंची थी। जानकारों के अनुसार मुजम्मिल को गिरफ्तार करने गए पुलिस पदाधिकारी को काफी देर तक होटल के अंदर जाने से यह कहकर रोके रखा गया कि अंदर पार्षदों की मीटिंग चल रही है।अभी गिरफ्तार न किए जाने का अनुरोध किया गया। इस बीच आरोपी मुजम्मिल गिरफ्तारी से बचने के लिए कई जगहों फोन पर बातें करता रहा। सिविल लाइन पुलिस इंस्पेक्टर पंकज कुमार ने मीडिया को बताया कि उन्हें एसएसपी का आदेश है, हम किसी और के आदेश को नहीं मानते और जानते हैं।
इधर, सोशल मीडिया पर मेयर, डिप्टी मेयर सहित कई पार्षदों के हस्ताक्षर वाला एक पत्र वायरल हुआ है। जिसमें निगमायुक्त को यहां से हटाने के लिए अनुरोध किया गया है। जिसमें निगमायुक्त पर कार्य में शिथिलता बरतने सहित कई और आरोप लगाए गए हैं। हालांकि वायरल पत्र की पुष्टि magadhlive नहीं करता है और न ही इसमें लगाए गए आरोप की पुष्टि करता है।