न्यूज डेस्क: भारत ने अपनी आपराधिक न्याय प्रणाली में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। 1 जुलाई, 2024 से, देश भर में तीन नए कानून लागू हो गए हैं, जो औपनिवेशिक युग के पुराने कानूनों का स्थान लेंगे। ये नए कानून हैं – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम। इन कानूनों का उद्देश्य न्याय प्रणाली को आधुनिक, कुशल और अधिक न्यायसंगत बनाना है।
नए कानूनों की मुख्य विशेषताएं:
- डिजिटल युग में न्याय:
- जीरो एफआईआर की अवधारणा
- इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से समन
- ऑनलाइन शिकायत पंजीकरण
- अपराध स्थलों की अनिवार्य वीडियोग्राफी
- त्वरित न्याय:
- मामलों के निपटारे के लिए समय सीमा
- आरोप निर्धारण में तेजी
- पीड़ित-केंद्रित दृष्टिकोण:
- महिला और बाल पीड़ितों के लिए विशेष प्रावधान
- पीड़ितों को नियमित अपडेट और मुफ्त प्राथमिक चिकित्सा
- गवाह सुरक्षा योजनाएं
- अपराधियों के प्रति कड़ा रुख:
- बाल तस्करी और नाबालिगों के साथ सामूहिक बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों के लिए कठोर दंड
- शादी के झूठे वादे पर दंड का प्रावधान
- पारदर्शिता और जवाबदेही:
- आरोपी और पीड़ित दोनों को दस्तावेजों तक पहुंच
- गिरफ्तारी का विवरण सार्वजनिक प्रदर्शन
- वैज्ञानिक जांच:
- गंभीर अपराधों में फोरेंसिक विशेषज्ञों की अनिवार्य भागीदारी
- समावेशी दृष्टिकोण:
- “लिंग” की परिभाषा में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों का समावेश
इन नए कानूनों का उद्देश्य न केवल अपराध को रोकना है, बल्कि समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित करना भी है। यह भारत की न्याय प्रणाली में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जो आधुनिक तकनीक और मानवीय संवेदनाओं का संयोजन है।
हालांकि, इन कानूनों की सफलता उनके प्रभावी कार्यान्वयन पर निर्भर करेगी। सरकार, न्यायपालिका और नागरिक समाज को मिलकर काम करना होगा ताकि ये कानून वास्तव में न्याय प्रदान करने में सक्षम हो सकें। यह परिवर्तन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो देश को एक आधुनिक, न्यायसंगत और समावेशी समाज की ओर ले जाने का प्रयास करता है।
इस बीच, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने (NCRB अपराधिक कानून का संकलन) नाम से एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जिससे नागरिक इन नए कानूनों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसे आप प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते है। App को डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें 👆