प्रगतिशील लेखक संघ के बारहवें जिला सम्मेलन में वैचारिक संगोष्ठी और कवि सम्मेलन सह मुशायरा का आयोजन
वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल
प्रगतिशील लेखक संघ, गया जिला इकाई का 12 वां जिला सम्मेलन रविवार को हरिदास सेमिनरी स्कूल, गया के सभागार में संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि सह पर्यवेक्षक के तौर पर राज्य महासचिव डॉ रवीन्द्र नाथ राय शामिल हुए। सांगठनिक सत्र के उपरांत संपन्न कला, साहित्य और पत्रकारिता : बढ़ती चुनौतियाँ विषयक वैचारिक संगोष्ठी का बीज वक्तव्य देते हुए सचिव परमाणु कुमार ने कहा कि पूंजीवाद ही हमारी सबसे बड़ी चुनौती है। कला, साहित्य और पत्रकारिता यानि संस्कृति की रक्षा से ही वर्तमान के संकटों का सामना किया जा सकता है। कलाकारों, साहित्यकारों और पत्रकारों को अमीरों का पल्ला झाड़ते हुए श्रम के सौंदर्य का चित्रण करना होगा। परिचर्चा को आगे बढ़ाते हुए राजीव रंजन ने विचार व्यक्त किया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक नये तरह की चुनौती बनकर हमारे सामने आया है। दक्षिण बिहार केंदीय विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्रोफेसर डॉ कर्मानंद आर्य ने कहा कि इन चुनौतियों का सामना हम प्रगतिशील विचारों के माध्यम से कर सकते हैं। यह आत्म मंथन का दौर है। मुरारी शर्मा ने कहा कि प्रेमचंद साहित्य में भी ऐसे संकट दीखते हैं और आज भी हैंं। यानि यह एक सतत संघर्ष है। मुख्य अतिथि ने कहा कि देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति है। बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा दफन हो गया। सच बोलने वालों को जान की कीमत चुकानी पड़ रही है। उन्होंने आह्वान किया कि आयें मिलकर चुनौतियों का सामना करें। प्रभारी प्राचार्य डॉ मनोज कुमार निराला, जनवादी लेखक संघ के अनिल कुमार और अजय कुमार, जन संस्कृति मंच के संरक्षक मुरारी शर्मा, सीपीआई के जिला सचिव सीताराम सिंह और गया जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह सुरेन्द्र ने भी अपने विचार रखे। मौके पर कवयित्री और सामाजिक कार्यकर्त्ता डॉ अन्नपूर्णा श्रीवास्तव को प्रशस्ति पत्र और अंक वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
11 सदस्यीय जिला कार्यकारिणी का किया गया गठन
सांगठनिक सत्र में सचिव परमाणु कुमार ने सांगठनिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जिसमें विगत सम्मेलन, 2019 से अब तक के कार्यक्रमों की विस्तृत चर्चा की। प्रतिनिधियों ने उसे सहर्ष स्वीकृतणण किया। मौके पर 11 सदस्यीय जिला कार्यकारिणी गठित की गई। कृष्ण कुमार अध्यक्ष, परमाणु कुमार सचिव और डॉ पप्पू तरुण, कोषाध्यक्ष पुन: चुने गए। कमिटी में अरुण हरलीवाल और डॉ अन्नपूर्णा श्रीवास्तव उपाध्यक्ष, सुशील शर्मा और शांडिल्य सौरभ उपसचिव जबकि अशोक सारंजेवी, नौशाद नादाँ, अरुण कुमार और राजीव रंजन सदस्य के रूप में शामिल किये गये। राज्य सम्मेलन, 13-14 मई पटना मेें जिले से शामिल होने हेतु बारह डेलीगेट्स का चुनाव किया गया। कार्यक्रम का समापन कवि सम्मेलन सह मुशायरा से हुआ। अरुण हरलीवाल, डॉ राम सिंहासन सिंह और नदीम जाफरी की अध्यक्षता में कवियों ने मौजूदा सवालों को उठाने वाली रचनाओं को सुनाया। इनमें डॉ राम कृष्ण, डॉ अन्नपूर्णा श्रीवास्तव डॉ शारदा कुमारी, खालिक हुसैन परदेशी, डॉ सच्चिदानंद प्रेमी, बी के बमबम, कुमार कांत, राजीव रंजन, एस हसन जैक, आफताब अतहर, राम परिखा सिंह इत्यादि के नाम शामिल हैं। कार्यक्रम में विपिन बिहारी, उमा शंकर, सुधाकर सुमन, शक्ति प्रसाद सिंह, पप्पू कुमार झा, अरविन्द कुमार पाण्डेय, रौशनी सहित बड़ी संख्या में बुध्दिजीवी उपस्थित हुए। धन्यवाद ज्ञापन उपसचिव सुशील शर्मा ने किया।