गयाजी में बने इस बालू भरे बोरियों के पहाड़ को देख चौकिए मत, पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर

Deobarat Mandal

देवब्रत मंडल

image editor output image 744448829 17601099888393143836537446190022 गयाजी में बने इस बालू भरे बोरियों के पहाड़ को देख चौकिए मत, पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर

आपने पहाड़ देखे होंगे लेकिन बालू भरे बोरियों के पहाड़ देखा भी होगा तो याद नहीं होंगे। ये बालू के बोरियों के पहाड़ के पीछे की असली वजह जानकर आप कुछ नई चीजें जान सकते हैं। यह गया जी शहर में ही बना है।

आइए जानते हैं आगे की कहानी

यह गया जी शहर के वार्ड नं 04 अंतर्गत छोटकी नवादा, पचबिगहिया नामक जगह पर आदर्श नगर का दृश्य है। सच में बोरियों का ही पहाड़ यहां खड़ा किया गया है। वो इसलिए कि आगे आने वाले दिनों में यहां रेलवे लाइन बिछाई जाएगी। जिस पर से ट्रेन सुरक्षित गुजर सके।

रेल ओवर ब्रिज बनना है यहाँ

रामशीला-प्रेतशिला मार्ग पर और यही से कुछ दूरी पर गया-पटना रेलखंड की रेलवे लाइन है। यहीं पर 63/बी रेल समपार फाटक भी है। जिसे आमलोग गोविंदपुर रेलवे गुमटी के नाम से जानते हैं। इस पथ पर चलने वाले वाहन तथा लोगों को और पीजी रेलखंड पर चलने वाली ट्रेनें में कोई बाधा नहीं उत्पन्न हो, इसको लेकर आरओबी बनाया जा रहा है।

भार सहने की क्षमता की होनी है जांच

दरअसल, ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर रेल परियोजना के तहत यहाँ पर मेजर ब्रिज का बनना है। यहां पिलर बन गया है लेकिन अंतिम रूप देने से पहले इसके भार सहने की क्षमता की जांच होना जरूरी है तो इसके लिए पिलर के ऊपर बालू से बोरियों के पहाड़ बनाये गए हैं। हालांकि इन बोरियों के नीचे लोहे सभी रखे गए हैं। इसे बनाने में कई दिनों का समय एलएंडटी कंपनी के इंजीनियर और मजदूरों को लगा है। शुक्रवार को यह काम समाप्त हुआ है। उम्मीद है कि शनिवार से इसकी जांच के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की टीम यहां आएगी।

1300 टन भार सहने की क्षमता की होगी जांच

एलएंडटी कंपनी के एक इंजीनियर ने बताया कि यहां ब्रिज बनाने से पहले इस पिलर की भार सहने की क्षमता की जांच होगी। उन्होंने बताया कि इस पिलर पर लोहे आदि के साथ बालू भरे बोरियों का कुल वजन 1300 टन है। यदि परीक्षण सफल रहा तो यहां ब्रिज बनेगा और नहीं सफल रहा तो पिलर कहीं और बनाया जाएगा।

लालू प्रसाद के कार्यकाल में पारित हुई थी यह परियोजना

बताते चलें कि यूपीए की सरकार में जब रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव थे तो उन्होंने देश में दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर रेल परियोजना को मंजूरी प्रदान की थी। एक ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर तथा दूसरा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर रेल परियोजना। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर रेल परियोजना लुधियाना से पश्चिम बंगाल के दानकुनी स्टेशन तक को मंजूरी दी गई थी। जिस पर मालगाड़ियों का परिचालन किया जाना है। डीडीयू मंडल में ये लाइन डेहरी तक बनकर तैयार हो गया है, जिसपर ट्रेनें चल रही है। वहीं गया(मानपुर)-डेहरी के बीच रेल लाइन बिछाने का कार्य द्रुत गति से जारी है।

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