देवब्रत मंडल

गया नगर निगम में कथित व्याप्त अनियमितता व भ्रष्टाचार एवं मनमानी के संबंध में भाजपा के एक शिष्टमंडल ने नगर विकास एवं आवास मंत्री जीवेश कुमार को एक ज्ञापन सौंपा है। श्री कुमार बुधवार को गया नगर निगम कार्यालय परिसर में आयोजित विकास की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे थे।
भाजपाइयों ने मंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में कई बिंदुओं की ओर ध्यानाकृष्ट कराते हुए इसकीसीबीआई से जांच की मांग की है। नेताओं ने मंत्री से कहा है कि भारतीय जनता पार्टी गया जिला के नेताओं के द्वारा समय-समय पर गया नगर निगम को अनेको बार ज्ञापन देकर मिलकर मनमानी व भ्रष्टाचार के संबंध में बताया गया है लेकिन किसी भी प्रकार का कोई कार्रवाई नहीं किया गया है। कहा है कि पूर्व में भी इस संबंध में नगर विकास एवं आवास विभाग के तत्कालीन पदाधिकारियों व मंत्री को निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार और मनमानी के संबंध में अवगत कराया गया था। जिसे मंत्री ने विभाग के प्रधान सचिव को कारवाई हेतु भेज दिया था। जो नगर विकास विभाग मुख्यालय के पदाधिकारियों के कथित मिलीभगत होने के कारण अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। वर्तमान में भी कई अनियमितता व मनमानी निगम की शिकायत की गई है। जो इस प्रकार है।
1- गया नगर निगम में सलाना सफाई के नाम पर 100 करोड़ से अधिक खर्च किया जा रहा है जो फल स्वरूप सफाई नगण्य है।
क)- सरकारी सफाई कर्मी पर 13 करोड़ खर्च।
ख)-अनुबंध के सफाई कर्मी पर 31 करोड़ खर्च।
ग)-दो प्राइवेट एजेंसी को सफाई लेबर से करने की एवज में 25 करोड़ खर्च।
घ)-पेंशन इत्यादि पर 13 करोड़ खर्च।
ड)-कूड़ा के डंपीग यार्ड जो नैली में स्थापित है उस एजेंसी पर 14 करोड़ खर्च।
च)-सफाई में प्रयुक्त गाड़ी के डीजल पर 7 करोड़ खर्च।
छ)-सफाई में प्रयुक्त होने वाले गाड़ी के मरमत्ती में 01 करोड़ खर्च।
(कुल 104 करोड़ खर्च हो रहा है।)
शिष्टमंडल ने कहा है कि भाजपा बताना चाहती है की दो एजेंसियों से बिना मशीन के सफाई कराने का एग्रीमेंट रुपयों के बंदरबॉट के लिए कर दिया गया है। जानकारी हो कि पहले से करोड़ों सफाई मद में खर्च हो रहा है एवं तीसरे एक एजेंसी डंपिंग यार्ड में कूड़े का रखरखाव व खाद बनाने में जो अनुबंध पाँच वर्षों का किया गया है उसमें भारी लूट व कमीशनखोरी चला आ रहा है जो जगजाहिर है। आरोप है कि जिसमें निगम के, पदाधिकारियों व मुख्यालय पदाधिकारियों के मिलीभगत पूर्णरुपेण है। जिससे सरकार की बदनामी हो रही है तथा जनता को कोई लाभ नही हो रहा है। कई वर्षों से चले आ रहे इस करोड़ो के बंदर बाट की जांच सीबीआई से कराया जाए।
जबकि विभिन्न मदो से गया नगर निगम की आमदनी 40 से 45 करोड रुपए मात्र है जिससे नगर निगम दिवालिया भविष्य में घोषित हो सकता है और बिहार सरकार पूरी की पुरी बदनामी होने की संभावना है।
2 – गया नगर निगम के EPROC टेंडर 14/2024-25 में कंडिका 11 में साफ लिखा गया था कि संवेदक केंद्रीय व राज्य सरकार व लोक उपक्रम में निबंधीत हो अथवा अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय स्तर के निविदा में भाग लिए हो उक्त कार्य का लेटर ऑफ एक्सेपर्टस प्राप्त हो। इस बाध्यता को निगम के पत्र संख्या 119/02- 04-2025 से मनचाहा संवेदक को निविदा देने के लिए कमीशनखोरी करने के लिए निविदा से नियम विलोपीत कर मनमाने तरिके से नियम को ताख पर रख दिया गया। इस निविदा को रद्द कर जो नियम सरकार द्वारा बनाया गया था उसी के नियम तहत निविदा कराई जाए।
3) बंद पड़े विष्णुपद शवदाहगृह एवं डंपिंग यार्ड स्थित पशु शवदाहगृह में करोड़ो रूपयो की हुई भ्रष्टाचार व कमीशन खोरी की जांच कराई जाए। वही दुसरे ओर लुट के लिए निगम द्वारा विधुत शवदाहगृह बनवाया जा रहा है सरकार के उच्च स्तर के निगरानी में ही इसे बनवाया जाए।
4)- ब्रह्मम सरोवर में लाइट एण्ड साउंड के नाम पर केंद्र सरकार की करोड़ों रूपये के बंदर-वाट की जांच की जाए।
5)- ब्रह्म सरोवर व रुक्मिणी सरोवर समीप करोड़ों रुपयो के खाद बनाने वाले जंग लग रही मशीन की उपयोगिता सवालो के घेरे में है इसके खरीद व उपयोगिता की जांच हो केवल कमीशनखोरी के लिए यह मशीन खरीद की गई थी।
6) नगर निगम द्वारा विभिन्न क्षेत्र में बनाए जा रहे सड़कों एवं गलियों के शिलान्यास व उद्धघाटन में सरकार के निर्देशों का उल्लंघन कर क्षेत्र के जनप्रतिनिधि (विधायक) का नाम नहीं अंकित किए जा रहे हैं ऐसे पदाधिकारीयों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
7) गया के प्रमुख व्यावसायिक मंडी केपी रोड में निगम द्वारा बनाए गए डिवाइडर को अभिलंब तोड़ा जाए जो अतिक्रमण का पर्याय बन गया है तथा इस डिवाइडर के कारण एक अग्निशामक वाहन भी नहीं जा पाता है।
8)- शहर में टेंपो व ई रिक्शा के लिए प्रत्येक मोड़ो पर पार्किंग की व्यवस्था हो ताकि सड़क जाम ना हो तथा प्रमुख मार्गों व व्यवसायिक क्षेत्रों में आम जनों के लिए गाड़ी पार्किंग की व्यवस्था हो।
9)- NIT (No.) 11/2024-25 सैरात की बन्दोबस्ती ग्रुप संख्या की राशी 47,46,565 रुपये मात्र की है जो कि NIT में दर्ज है लेकिन विभाग के द्वारा स्टैनडिंग कमिटी में प्रस्ताव लाया गया 83 होर्डिंग बढ़ाकर 25,91,869 रुपया अतिरिक्ति लगाया जाए ताकि जो भी बोली लगाकर निविदा ले उसे 25,91,869 रुपया अतिरिक्त लिया जाए जबकी जो जगह चिहित किया गया है उसका NOC 83 नए होर्डिंग लगाने के लिए पथ निर्माण विभाग से ना ही भवन निर्माण विभाग से नगर निगम ने NOC नहीं लिया है। ज्ञात हो कि पूर्व में संवेदक द्वारा जो होर्डिंग के लिए लोहा लगाया गया है उसका भवन निर्माण विभाग से NOC नहीं होने के कारण निगम उसको अवैध बताती है जिसका मुकदमा उच्च न्यायालय पटना में चल रहा है। इस स्थिती में कोई भी संवेदक नया होर्डिंग के लिए लोहा नहीं लगाएगा जिसके परिणामस्वरूप नगर निगम को रेवन्यू की बहुत क्षती होगी। इसकी जाँच करा इस निविदा को रद्द किया जाएतथा मनमानी रोक लगाई जाए।
प्रतिनिधिमंडल में विकास कुमार, अशोक कुमार, धनंजय कुमार, मनीष कुमार, पप्पू कुमार सिंह, राजेश कुमार एवं डॉ करुणा कुमारी भाजपा नेता शामिल थे।