पुरुषोत्तम एक्सप्रेस से आरपीएफ ने ₹1.85 लाख का मादक पदार्थ गांजा किया बरामद, वजन करने के लिए तराजू बाहर से लाना पड़ा

Deobarat Mandal

देवब्रत मंडल

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बरामद मादक पदार्थ के साथ आरपीएफ की टीम

निरीक्षक प्रभारी बनारसी यादव ने बताया कि 12801 पूरी नई दिल्ली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस से मादक पदार्थ गांजा बरामद किया गया है लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि उनके निर्देशन में 08.06.2025 को आरपीएफ पोस्ट गया के आरक्षी आलोक कुमार सक्सेना, आरक्षी मुकेश कुमार, आरक्षी शशि शेखर एवं आरक्षी राकेश कुमार, रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट गया साथ सीपीडीएस/गया उनि मुकेश कुमार, प्रधान आरक्षी अमरेंद्र कुमार, आरक्षी अमित कुमार, आरक्षी राजू कुमार एवं अ.आ.शा./गया स.उ.नि. अनिल चौधरी, आरक्षी दिपक कुमार, गया द्वारा रेलवे स्टेशन पर आपराधिक गतिविधि की निगरानी किया जा रहा था। इसी क्रम में समय करीब 14.24 बजे प्लेटफार्म संख्या 01 गाड़ी संख्या 12801 अप पुरुषोत्तम एक्सप्रेस आगमन पर चेकिंग के दौरान एस-2 कोच के शौचालय के पास दो लावारिस अवस्था में बैग पाया गया। आसपास के लोगों से पूछताछ करने पर किसी ने भी उसे अपना नहीं बताया। मौके पर चेक करने पर उसमें गाजा जैसा मादक पदार्थ मिला। दोनों लावारिस बैग़ को गाड़ी से नीचे प्लेटफार्म संख्या 01 के मिडिल फुट ओवर ब्रिज के पास उतारा गया। मौके से इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दिया गया तथा विधिसम्म्त कार्यवाही करते हुए पहले बैग को खोला गया तो उसमें 07 पैकेट में एवं दूसरे बैग से 05 पैकेट गांजा बरामद हुआ। सभी बरामद गांजे का कुल वजन 12.370 किलोग्राम पाया गया। जिसकी कीमत 1,85,550 रुपये है। इसके बाद बाद जीआरपी थाना गया में उपनिरीक्षक मुकेश कुमार के लिखित प्रतिवेदन पर कांड संख्या 168/25 दिनांक 09.06.2025 अंतर्गत धारा 08/20(b)/(ii)B एनडीपीएस एक्ट पंजीकृत किया गया।

सवाल उठ रहे हैं कि कांड दर्ज कराने में देर क्यों हुई

इस खबर पर magadhlive की नजर गांजा के बरामदगी से लेकर कांड दर्ज किए जाने की कार्यवाही पर थी। जिसके बाद ये सवाल उठ रहा है कि आखिर जब गांजा 08 जून को दोपहर बाद पकड़ी गई तो रेल थाना में कांड दर्ज कराने की कार्यवाही में एक दिन का वक़्त क्यों लगा। जबकि घटनास्थल से रेल थाना की दूरी महज 200 मीटर के आसपास है।

तौलने वाले weight machine थाना और पोस्ट में नहीं

गया जंक्शन के आरपीएफ पोस्ट और रेल थाना में वजन करने वाले weight machine नहीं रहने के कारण मादक पदार्थों के बरामद किए जाने के बाद वजन करने के लिए दोनों को परेशानी होती है। सूत्रों की माने तो 8 जून को बरामद गांजे के वजन करने के लिए एक दुकानदार से मशीन लाना पड़ा था। सूत्रों की माने तो 8 जून की रात करीब 9 बजे के आसपास एक दुकान इलेक्ट्रॉनिक तराजू मंगवाया गया। इसके पहले भी तराजू के लिए उसी दुकान का सहारा लिया गया था। दो दिनों तक तराजू दुकानदार का रोके रखा गया था, जिसके कारण दुकानदार का व्यवसाय प्रभावित हुआ था। यहां तक कि तराजू में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिसे ठीक करवाकर दुकानदार को लौटाया गया।

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