देवब्रत मंडल

ट्रेन द्वारा प्रतिबंधित मादक पदार्थ की तस्करी के मामले में सोमवार को गया जी की अदालत ने दो अभियुक्तों को दस साल की सजा सुनाई है। साथ ही एक-एक लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश राजेश सिंह की अदालत ने दो दोषी अभियुक्तों कुणाल सिंह व शशि शेखर सिंह को यह सजा सुनाई है। इस मामले में अभियोजन की तरफ से एनडीपीएस के विशेष लोक अभियोजक सादुल्लाह फारुकी ने अभियोजन की तरफ से अपना पक्ष रखा। जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अरुण कुमार कार्य कर रहे थे।
डिहरी-ऑन-सोन स्टेशन पर पकड़े गए थे दोनों
विशेष लोक अभियोजक श्री फ़ारूक़ी ने बताया कि इस मामले में डिहरी-ऑन-सोन आरपीएफ पोस्ट के तत्कालीन सहायक अवर निरीक्षक राजेंद्र कुमार दास द्वारा सासाराम रेल थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। अपनी प्राथमिकी में उन्होंने कहा है कि 22 अप्रैल 2023 को रेलवे स्टेशन डेहरी ऑन सोन क्षेत्राधिकार में मेल, एक्सप्रेस गाड़ियों में चोरी व नशाखुरानी गिरोह को पकड़ने के लिए सघन अभियान चला रहे थे। साथ में अपराध आसूचना शाखा के प्रधान आरक्षी सुबाष चंद्र सिंह आदि बल के पदाधिकारी व जवान भी थे।
नीलांचल एक्सप्रेस से मादक पदार्थ लेकर आए थे तस्कर
कांड के सूचक श्री दास ने प्राथमिकी में बताया है कि उस वक्त 12875 पूरी-नई दिल्ली नीलांचल एक्सप्रेस से दो युवक उतरे थे। गुप्त सूचना के आधार पर दोनों को उनके पीठ पर रखे पिट्टठु बैग में कुछ वजनी सामान लेकर पूरब दिशा की ओर जाते देखा गया। पूछताछ करने पर तथा तलाशी के दौरान उन दोनों के पास से कुल 13 पैकेट में रखे 26 किलो 780 ग्राम प्रतिबंधित मादक पदार्थ गांजा बरामद किया गया। जिसकी कीमत लगभग दो लाख 67 हजार 780 रुपये आंकी गई थी।
अभियोजन पक्ष की ओर से पांच गवाहों की हुई गवाही
न्यायालय में अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में कुल पांच गवाहों की गवाही हुई। अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोनों अभियुक्तों को दस साल की सजा व एक-एक लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। यह मामला रेल सासाराम थाना कांड संख्या 72/2023 से संबंधित है।
दोनों तस्कर बक्सर जिले के हैं रहने वाले
इस मामले में गिरफ्तार अभियुक्त कुणाल सिंह एवं शशि शेखर सिंह बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले हैं। दोनों युवक बक्सर जिले के थाना औद्योगिक, ग्राम छोटकी कोठिया निवासी हैं।