देवब्रत मंडल

गया-आसनसोल सवारी गाड़ी में एक यात्री नशाखुरानी गिरोह का शिकार हो जाता है। घटना 24 अक्टूबर 2025 की है। यह ट्रेन गया जंक्शन पर लगी होती है। पहाड़पुर स्टेशन जाने के लिए रितेश नामक युवक बोगी में सवार होता है। इसके बाद एक व्यक्ति जो रितेश के उम्र के करीब का ही होता है जो उसके साथ सीट पर बैठ जाता है। एक चाय बेचने वाला आता है। रितेश के साथ बैठा यात्री जो कथित जहाखुरानी गिरोह का सदस्य है, रितेश को चाय पीने के लिए देता है। चाय पीने के बाद रितेश बेहोश हो जाता है। जब होश आता है तो धनबाद के एक अस्पताल में स्वयं को भर्ती पाता है। जो धनबाद जीआरपी के इंस्पेक्टर पंकज कुमार को बताता है कि चाय पीने के बाद उसे कुछ याद नहीं। लेकिन उसके पास दो मोबाइल फोन, चार साड़ी, करीब ₹15,000/- नकद और कुछ कपड़े बैग में थे, वो गायब हो जाता है।

पीड़ित यात्री से पूरे घटनाक्रम को लेकर पूछताछ
मामला दर्ज होता है। जांच आगे बढ़ती है। 26 अक्टूबर को रितेश को गया जंक्शन पर लाया जाता है। उससे आरपीएफ एवं जीआरपी के पदाधिकारी पूछताछ करते हैं कि घटना कैसे हुई। उस प्लेटफॉर्म पर भी ले जाया जाता है, जहां गया-आसनसोल पैसेंजर ट्रेन की रेक लगी हुई थी। जिसमें रितेश के साथ घटना की शुरुआत हुई बताई गई है। जिस कोच से रितेश को धनबाद जंक्शन पर बेहोशी की हालात में उतारा गया था, उस कोच का नंबर पू.रे 199071 बताया गया है।
सीसीटीवी फुटेज में एक व्यक्ति संदिग्ध नजर आया
रविवार को दिनभर रितेश गया जंक्शन पर रहता है। जिससे पूछताछ की जाती है। आरपीएफ और जीआरपी गया जंक्शन पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच करती है। जांच के क्रम में एक व्यक्ति को बैग को ले जाते हुए रितेश को दिखाया गया। लेकिन यकीनन वही आदमी है जो रितेश का बैग लेकर जा रहा है, इस पर जांच आगे बढ़ी है। रितेश को जिस वक्त पूछताछ के लिए गया जंक्शन लाया गया था, उस वक्त तक रितेश पूरी तरह स्वस्थ नहीं हुआ था जैसा कि रितेश के पिता घनश्याम यादव बताते हैं। शाम को रितेश अपने गांव/घर लौटा।
इस पहलू पर जांच, सफलता की दिशा में महत्वपूर्ण
एक और पहलू पर पुलिस की जांच कर रही है। जिसका जिक्र यहां नहीं किया जा सकता है क्योंकि इससे जांच प्रभावित हो सकता है। इस पहलू की जांच में तथ्यों के सामने आने की उम्मीद की जा रही है। जिसके बाद अपराधी तक पहुंचने में पुलिस को यकीन है कि काफी हद तक इसमें सफलता मिलेगी। इस कांड की जांच के लिए वरीय अधिकारियों के नेतृत्व में एक टीम गठित कर दी गई है। दावा किया गया है कि जल्द ही इस कांड का सफल उद्भेदन कर लिया जाएगा।
