
25 नवंबर को हावड़ा‑गया बंदे भारत एक्सप्रेस (ट्रेन 22303 अप) के कोच C‑5, बर्थ 78 पर यात्रा कर रहे रामाकांत कुमार (ग्राम मूसे, थाना खिजरसराय, गया) कोडरमा स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर ही छूट गए और उनका सामान जो कोच में था वो गया जंक्शन चला गया। गलती उन्होंने यह की थी कि उन्हें शायद यह पता नहीं होगा कि वंदे भारत ट्रेन के कोच ऑटोमेटिक सिस्टम से खुलते और बंद होते हैं। ट्रेन जब खुलने लगती है तो गेट स्वतः ही बंद हो जाते हैं।
139 पर कॉल कर इसकी सूचना दी
यही हुआ। रामाकांत चिप्स खरीदने के लिए कोडरमा स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर उतरे और निर्धारित समय के बाद ट्रेन खुल गई। वे प्लेटफॉर्म पर ही रह गए और उनके सामान कोच में छूट गए। इसके बाद उन्होंने रेल मदद के लिए 139 पर कॉल कर इसकी सूचना दी। इसके बाद जब ट्रेन गया जंक्शन पर रुकी तो आरपीएफ ने उनके सामान को सुरक्षित रख लिया। जब वे आरपीएफ पोस्ट पहुंचे तो उन्हें उनके सामान सुपुर्द कर दिए गए।

चिप्स खरीदने के लिए प्लेटफॉर्म पर उतरे थे
रामाकांत ने बताया कि वह कोडरमा स्टेशन पर चिप्स खरीदने के लिये उतर गए थे। गाड़ी का गेट बंद हो गया। ट्रेन रवाना हो गई। जिसके कारण वह ट्रेन पकड़ने से चूक गए और उनका सफ़ेद थैला, जिसमें एक लेडीज साल, कोर्ट पैंट और कुछ मिठाइयाँ थीं, उसी सीट पर रह गया।
गया जंक्शन पर आरपीएफ ने अटेंड किया ट्रेन
गया स्टेशन पर आरपीएफ पोस्ट गया के सउनि खुर्शीद खां ने सूचना पर कोच C‑5 को अटेंड किया और बैग बरामद किया। शिकायतकर्ता ने दस्तावेज़ प्रस्तुत कर बैग की पहचान की। सभी सामान सुरक्षित पाए गए। उपनिरीक्षक जावेद इकबाल ने बैग को यात्री को सौंप दिया। बैग और उसमें रहे सामान की की अनुमानित कीमत ₹ 4,000 बताई गई।
यात्रियों के लिए संदेश
- स्टेशन पर उतरते समय हमेशा अपना सामान हाथ में रखें।
- यदि ट्रेन के प्रस्थान में देर या गेट बंद हो, तो तुरंत रेलवे स्टाफ या आरपीएफ को सूचित करें।
- गुमशुदा वस्तु की सूचना समय पर दें, जिससे समय पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
यह कार्रवाई ऑपरेशन अमानत के तहत की गई, जिससे यात्रियों का विश्वास बढ़ा और रेल सुरक्षा के प्रति जागरूकता का संदेश मिला।
