गया में सुर और रंग का संगम: होली मिलन समारोह में गूंजे शास्त्रीय और पारंपरिक गीत

Deepak Kumar
4 Min Read

गया। उत्तर भारत की सांस्कृतिक नगरी गया में संगीत की समृद्ध परंपरा आज भी जीवंत है। सुर और भावनाओं की इसी अनूठी परंपरा को संजोए रखने के उद्देश्य से सुर सलिला गया जी ट्रस्ट के बैनर तले सिजुआर पैलेस, मंगला गौरी रोड में भव्य होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संगीत प्रेमियों ने शास्त्रीय गायन, पारंपरिक होली गीत और नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियों का आनंद उठाया।

गया संगीत घराने की विरासत को सहेजने का प्रयास

गया संगीत घराना अपनी समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा के लिए जाना जाता है, लेकिन आधुनिक दौर में इसके प्रति लोगों की रुचि कम होती जा रही है। ऐसे में, इस तरह के आयोजनों से न केवल इस परंपरा को जीवंत बनाए रखने का प्रयास किया जाता है, बल्कि संगीत प्रेमियों को एक अनोखा अनुभव भी प्रदान किया जाता है। समारोह में गया घराने के कलाकारों ने अपनी सधी हुई प्रस्तुतियों से यह साबित किया कि संगीत का यह प्रवाह आज भी लोगों के मन में गहराई तक समाया हुआ है।

राग-रंग में सराबोर हुआ गया का संगीत प्रेमी समाज

कार्यक्रम की शुरुआत प्रख्यात कलाकार जगजीत रोशन, आशुतोष मिश्रा और सुरेंद्र पांडेय ‘सौरभ’ द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक होली गीतों से हुई, जिसने पूरे सभागार को भक्तिरस और उल्लास से भर दिया। इसके बाद नवेंदु भट्टाचार्य की ग़ज़लों ने माहौल को और अधिक संगीतमय बना दिया। कत्थक नृत्यकार अनिरुद्ध कुमार ने बसंत गीत पर नृत्य कर दर्शकों की तालियां बटोरीं, जबकि राग बागेश्वरी में राजन सिजुआर, रोशन कुमार और आशुतोष मिश्रा के सामूहिक ख्याल गायन ने ब्रज की होली के रंग में सभी को रंग दिया। तबले पर दिनेश मऊआर और रजनीश कुमार, हारमोनियम पर सर्वोत्तम कुमार की संगत ने प्रस्तुति को और अधिक प्रभावशाली बना दिया।

युवा शास्त्रीय गायक राजन सिजुआर ने “कन्हैया घर चलो गुंइया आज खेल होली…” और “आज बिरज में होली रे रसिया…” जैसे लोकगीतों को अपनी अनूठी शैली में प्रस्तुत कर माहौल को उत्साहपूर्ण बना दिया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में उन्होंने भैरवी गीत – “धन्य भाग्य अवसर का सेवा पाया…” गाकर समापन किया, जिसने उपस्थित संगीत प्रेमियों को भावविभोर कर दिया।

रंगों और संगीत में डूबा गया का होली मिलन समारोह

देर रात तक चले इस सांगीतिक आयोजन में संगीत प्रेमियों ने होली गीतों पर झूमते हुए ऋतुराज बसंत के आगमन का स्वागत किया। गुलाल और रंगों से सराबोर लोगों ने एक दूसरे को शुभकामनाएं दीं और सुर-ताल के इस संगम का आनंद उठाया।

शहर के गणमान्य लोग रहे उपस्थित

इस भव्य आयोजन में श्री विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभू लाल विट्ठल, कोषाध्यक्ष सुनील लालहल, डॉ. के. के. नारायण, राय मदन किशोर, डॉ. सच्चिदानंद प्रेमी, राजेश्वर सिंह, चंद्रशेखर सुनील पाठक, मुकेश कुमार, यदुवंश सिंह, डॉ. रामकृष्ण, सुदर्शन शर्मा, मनोज कुमार मिश्रा, श्याम भंडारी, बच्चू लाल चौधरी, डॉ. नंदकिशोर गुप्ता, प्रिय रंजन डायर, रूपक सिन्हा, टिब्लू सिंह, और सुरेंद्र पांडेय ‘सौरभ’ सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

संगीत की विरासत को सहेजने की जरूरत

गया संगीत घराना अपनी सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध रहा है, लेकिन बदलते समय के साथ इसकी चमक धीरे-धीरे धुंधली पड़ती जा रही है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से न केवल इस विरासत को सहेजने का प्रयास किया जा रहा है, बल्कि युवा पीढ़ी को भी संगीत की इस अनमोल धारा से जोड़ने का अवसर मिल रहा है।

Share This Article
Follow:
Deepak Kumar – A dedicated journalist committed to truthful, unbiased, and impactful reporting. I am the Founder and Director of Magadh Live news website, where every piece of news is presented with accuracy and integrity. Our mission is to amplify the voice of the people and highlight crucial issues in society. "True Journalism, Unbiased News" – This is our core principle!
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *