कॉटन मिल बालाजी नगर की जमीन की खरीद बिक्री में सरकारी राजस्व की क्षति का मामला फिर सुर्खियों में

Deepak Kumar
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✍️ देवब्रत मंडल

गया शहर के कॉटन मिल बालाजी नगर की जमीन खरीद बिक्री का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। यहां हुई जमीन खरीद बिक्री में सरकारी राजस्व को भारी क्षति पहुंचाने का मामला यहाँ के बालाजी नगर विकास समिति के कुणाल शेखर और शैलेश कुमार जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष ले गए थे। इस परिवाद की सुनवाई में लोक प्राधिकार द्वारा समर्पित प्रतिवेदन के आलोक में वाद की कार्रवाई समाप्त कर दी गई। इसके बाद परिवादी ने बताया कि यहां के निर्णय से वे असंतुष्ट हैं। अब प्रथम अपीलीय प्राधिकार सह मगध प्रमंडल आयुक्त के यहां संबंधित परिवाद की सुनवाई के लिए अपील करेंगे। परिवादी द्वारा दायर वाद अनन्य संख्या 9999901180223354527 की सुनवाई के पश्चात जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने अपने आदेश में कहा है कि परिवादी कुणाल शेखर और शैलेश कुमार का यह मामला वसीका नम्बर-1501, दिनांक- 19.01.2023 के निबंधन में हुई राजस्व क्षति से संबंधित है। प्रस्तुत परिवाद में मांग की जा रही विषय वस्तु के आलोक में लोक प्राधिकार-सह-जिला अवर निबंधक, गया द्वारा अपने कार्यालय पत्रांक- 2855, दिनांक 05.06.2023 द्वारा प्रतिवेदन समर्पित किया गया है। जिसमें प्रतिवेदित किया गया है कि उक्त के सम्बन्ध में कार्यालय पत्रांक- 928, दिनांक-15.02.2023 द्वारा अंचलाधिकारी, चन्दौती से संबंधित दस्तावेज में अंकित खाता-खेसरा की भूमि का स्थल जाँच कर भूमि की श्रेणी एवं उसकी अवस्थिति के सम्बन्ध में प्रतिवेदन की मांग की गई है। प्रतिवेदन अप्राप्त होने की स्थिति में पुनः कार्यालय पत्रांक-1270, दिनांक 03.03.2023, पत्रांक- 1580. दिनांक 21.03.2023 एवं पत्रांक-1826, दिनांक- 10.04.2023 द्वारा अंचलाधिकारी, चन्दौती को कई बार स्मारित किया गया है।जिसके आलोक में अंचलाधिकारी, नगर गया के पत्रांक-1194, दिनांक- 15.05.2023 द्वारा प्रतिवेदन प्राप्त हुई है।

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प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर उक्त मामला में अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है। लोक प्राधिकार द्वारा समर्पित उक्त प्रतिवेदन के आलोक में बाद की कार्रवाई समाप्त की जाती है। परिवादी की शिकायत है कि कॉटन मिल की जमीन पर वर्षों से निर्मित छोटकी नवादा टीओपी और मंदिर की जमीन की खरीद बिक्री की गई है। साथ ही कहा गया है कि जमीन जिस पर खाता संख्या 153 (पुराना ), खेसरा संख्या – 514 (पुराना ), रकबा 5.60 डिसमिल में पूर्व से कई मकान बना हुआ है उसे भी परती भूमि दिखला कर निबंधन कराया गया है। परिवादी का आरोप है कि इन सभी भूमि पर वर्षों पूर्व से भवन बना हुआ है जिसे परती भूमि दिखला कर निबंधन करा लिया गया है। इनका कहना है निबंधन पदाधिकारी, गया एन.एल.बी .डी मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मैनेजर सुशील कुमार सर्राफ एवं अन्य के द्वारा सरकारी राशि (टैक्स) की क्षति पहुंचाई गई है। परिवादी के अनुसार अन्य जमीन का भी विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा है कि लगभग एक अरब मूल्य से अधिक की जमीन है। जिसे मात्र₹ 1,20,00000 (एक करोड़ बीस लाख रुपये) में निबंधन करा लिया गया है। जिससे सरकारी राशि (टैक्स) करीब ₹3,0000000 (तीन करोड़ रुपये) की क्षति इन सभी
व्यक्तियों के द्वारा पहुंचाई गई है।

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