प्रमोद लड्डू भंडार के प्रोपराइटर प्रमोद भदानी: एक सच्चे समाजसेवक की कहानी
देवब्रत मंडल

प्रमोद लड्डू भंडार के प्रोपराइटर एवं समाज सेवी प्रमोद भदानी ने अपने जीवन में एक अद्वितीय उदाहरण पेश किया है। उन्होंने अपने व्यवसाय को करोड़ों तक पहुंचाया, लेकिन उन्होंने सेवा का मार्ग चुना और ‘प्रमोद जन आहार सेवा कुटीर’ के माध्यम से यात्रियों और जरूरतमंदों को नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था उपलब्ध कराया है। जो समाज सेवा का अद्वितीय उदाहरण है। समाज में धनाढ्य तो कई हैं लेकिन गरीब एवं जरूरतमंद लोगों के लिए कौन खड़ा रहता है। ये देखने को मिल रहा है। प्रमोद भदानी गया जी को काफी करीब से देखा है और इसी समाज में जीने की कला सीखी। मुश्किलों के दौर में गुजारे बचपन की कहानी अब काफी पीछे चली गई लेकिन प्रमोद भदानी उन दिनों को कभी नहीं भूले। यही इनकी आत्मीयता है।
एक ठेले से करोड़ों तक का सफर

प्रमोद भदानी ने अपने व्यवसाय की शुरुआत एक छोटे से ठेले से की थी। उन्होंने अपने मेहनत और लगन से अपने व्यवसाय को करोड़ों तक पहुंचाया। आज “प्रमोद लड्डू” एक ऐसा ब्रांड बन गया है कि इस नाम को गरीब से लेकर अमीर तक एक रिक्शा चालक, मजदूर से लेकर राजनेता और आईएएस और आईपीएस की जुबान तो क्या, सभी के मानस पटल पर रहती है। लेकिन ईन्होंने अपने धन का उपयोग केवल अपने लिए नहीं किया, बल्कि उन्होंने समाज की सेवा के लिए भी इसका उपयोग किया। ऐसे बहुतेरे ही मिलते हैं।
जन-सेवा की भावना हो तो ऐसी भी हो
प्रमोद भदानी की जन-सेवा की भावना ने उन्हें ‘प्रमोद जन आहार सेवा कुटीर’ स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। इस भोजनालय में गया जी में आने वाले यात्रियों और जरूरतमंदों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाता है। यह एक अद्वितीय पहल है जो समाज के लिए एक बड़ा योगदान है। इसकी शुरुआत की कहानी के पीछे कहीं न कहीं प्रमोद भदानी के अतीत अवश्य ही प्रेरणा के स्रोत रहे होंगे।
इनसे और लोगों को प्रेरणा लेने की जरूरत
एक दिन में कोई प्रमोद भदानी नहीं बन सकते हैं लेकिन इनकी कहानी उन लोगों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है जो समाज की सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने दिखाया है कि धन और संपत्ति का उपयोग केवल अपने लिए नहीं किया जा सकता है, बल्कि इसका उपयोग समाज की सेवा के लिए भी किया जा सकता है।
धनवान तो कई हैं लेकिन इनके जैसा दरियादिली नही
लोगों की जुबां पर है कि प्रमोद भदानी एक सच्चे समाजसेवक हैं। जिन्होंने अपने जीवन में एक अद्वितीय उदाहरण पेश किया है। उनकी इस तरह की जन-सेवा की भावना और दरियादिली ने उन्हें एक सच्चे समाजसेवक के रूप में स्थापित किया है। इनकी कहानी उन लोगों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है जिनके पास धन तो हैं लेकिन इनके जैसे दरियादिली नहीं। जिनके पास धन है और जो समाज की सेवा करना चाहते हैं तो श्री भदानी से प्रेरणा लेने की जरूरत है।
गया जी को प्रमोद भदानी ने दी अलग पहचान
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गया को गया जी का आदर और सम्मान दिलाने में दरियादिली दिखाई। इसी गया जी को अब प्रमोद भदानी ने ‘जस नाम तस यश’ दिलाने के लिए आगे आए और आज ‘प्रमोद जन आहार सेवा कुटीर’ के माध्यम से उत्तर भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक नगरी गया जी को विश्व के पटल पर एक अलग ही पहचान दिलाई है।
प्रमोद चाहते तो ऐसा भी कर सकते थे लेकिन…

प्रमोद भदानी चाहते तो अपने ब्रांड का एक और रिटेल आउटलेट की शुरुआत कर सकते थे। धन अर्जित सकते थे, परंतु सेवा का मार्ग चुना। जनसेवा के प्रति इनकी अटूट निष्ठा ने ही “प्रमोद जन आहार सेवा कुटीर” को जन्म दिया है। एक ऐसा भोजनालय जहां गया जी मे पधार रहे यात्रियों एवं ज़रूरतमंदों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।