नए अवतार में गया जी का ऐतिहासिक क्लॉक टावर लोगों को लुभाने लगा, फिर से गूंजने लगी घड़ी से निकलने वाली घन्टी की आवाज

Deobarat Mandal

देवब्रत मंडल

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गया जी का ऐतिहासिक टॉवर

गया जी का ऐतिहासिक क्लॉक टॉवर फिर से चालू हो गया है। इसका निर्माण अंग्रेजों के शासनकाल में हुआ था। अब नए अवतार में यह पौराणिक टावर लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। इसमें लगी घड़ी की घँटी से निकलने वाली आवाज फिर से गूंजने लगी है। एक समय में इसमें लगी घड़ी की आवाज से शहर के लोग समय(टाइम) जान लेते थे कि कितने बजे हैं। जिसका नगर आयुक्त कुमार अनुराग ने मंगलवार को निरीक्षण किया है।

गया जी शहर की पहचान है यह टावर


नगर आयुक्त कुमार अनुराग ने बताया कि ये एक ऐतिहासिक क्लॉक टावर है जो गया जी शहर का पहचान भी है और साथ हीं साथ गया नगर निगम की भी है। ये कई वर्षों से जीर्ण शीर्ण अवस्था में था। इसे प्रोजेक्ट के रूप में लेकर इसके जीर्णोद्धार का कार्य निगम द्वारा पिछले तीन माह में करवाया गया है। यह परियोजना पूर्ण हो चुकी है एवं अब इस क्लॉक टावर की आवाज फिर से गूंज रही है।

मूल स्वरूप में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई


इसके जीर्णोद्धार में इस बात का ध्यान रखा गया है कि किसी भी तरह से इस ऐतिहासिक धरोहर में मूल परिवर्तन नहीं हो। ब्रिक कट डिजाइन में इसको बनवाया गया है। जिसके कारण एक एक ईंट को पुनः तराशा गया है। इसमें डिजिटल साउंड सिस्टम के माध्यम से हर घंटे क्लॉक टॉवर के द्वारा घंटे की आवाज से राह चलते राहगीरों के लिए आवाज देती है।
इसमें कुल 84 लाइट भी लगाई गई है। नगर निगम के स्थापना सप्ताह को ध्यान में रखते हुए क्लॉक टॉवर की तिरंगे रंग की लाइटिंग रखी गई है।

जेपी झरना बना सेल्फी पॉइंट, कभी जंगल झाड़ लगे होते थे

नगर आयुक्त ने बताया कि इस तरह की कई महत्वपूर्ण योजनाएं निगम की ओर से पूरी करवाई जा रही है। जिससे शहर की पौराणिक पहचान बनी रहे और शहर सुंदर लगे। उन्होंने बताया जयप्रकाश झरना जिसमें जंगल झाड़ लगे होते थे, जिसका भी जीर्णोद्धार कराया गया है एवं अब यह सेल्फी प्वाइंट के रूप में तब्दील हो चुका है। यहां लोकनायक जयप्रकाश नारायण की आदमकद प्रतिमा है जो इनके गया जी आकर छात्र आंदोलन के शंखनाद की दास्तां सुनाती है। इसके पास में ऐतिहासिक गांधी मैदान है। जहां से जेपी ने छात्रों की जनसभा को संबोधित किया था।

नगर आयुक्त ने लोगों से की अपील


नगर आयुक्त कुमार अनुराग ने लोगों से ये भी अपील की है कि इसमें गयाजी वासियों के सहयोग की सबसे ज्यादा अपेक्षा है। क्योंकि सारी परियोजना सार्वजनिक स्थलों में कराई जा रही है। यहां पर कई बार समस्या यह आती है कि सार्वजनिक स्थान में होने के कारण लाइट्स वगैरह लोगों के द्वारा या तो नष्ट कर दिया जाता है या चुरा लिया जाता है।
नगर आयुक्त ने बताया कि अभी तक दो से तीन बार जयप्रकाश झरना का लाइट्स बदला जा चुका है क्योंकि उसकी लाइट्स को कई बार असामाजिक तत्व द्वारा चोरी कर ली गई है।

आम लोगों से सहयोग की अपेक्षा, कानूनी कार्यवाही समाधान नहीं

इसके साथ ही मानपुर बाईपास ब्रिज पर पितृपक्ष के समय तिरंगा स्ट्रीट लाइट लगाई गई थी। इसके केबल को भी असामाजिक तत्वों द्वारा काट दिया गया है। इससे परियोजना का कॉस्ट(लागत मूल्य) तो बढ़ता हीं है। साथ में शहर की छवि भी खराब होती है। इसलिए नगर आयुक्त ने इसमें शहर वासियों से सहयोग की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा हर चीज में FIR करवाना एवं कानूनी करवाई करना स्थायी समाधान नहीं है। लोगों से अपील होगी कि आसपास के लोगों को जागरूक करें और ऐसा करने से रोके टोके। अगर स्थानीय लोग जागरूक होंगे तो बहुत हद तक इस समस्या का समाधान होगा। नगर आयुक्त ने बताया कि शहर में अब निगम की टीम के द्वारा पार्किंग स्थल, वेंडिंग जोन एवं अर्बन गया जी उद्यान पे कार्य किया जा रहा है जो अगले कुछ महीनों में गया जी वासियों को दिखाई देगा।

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