✍️ देवब्रत मंडल

गया नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति के तीन सदस्यों के इस्तीफे की खबर से magadhlive आप सभी को पहले अवगत करा चुका है। उन तीन सदस्यों के नाम की जानकारी भी आपको दी जा चुकी है। याद नहीं हो तो रिपीट कर देता हूं। वार्ड पार्षद स्वर्णलता वर्मा, विनोद कुमार यादव और अशोक कुमार का इस्तीफा महापौर वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान मंजूर कर चुके हैं। जिससे उन्होंने सरकार को भी अवगत करा दिया था। इस्तीफे के बाद सात नामित सदस्यों में से केवल चार पार्षद समिति के सदस्य बने हुए हैं। इनके अलावा महापौर इस समिति के पदेन अध्यक्ष हैं। अध्यक्ष की अनुपस्थिति में पदेन सदस्य उपमहापौर को समिति के अध्यक्ष पद का दायित्व स्वतः देखना होता है। कुल मिलाकर नौ सदस्यीय सशक्त स्थायी समिति गया नगर निगम के लिए प्रावधानित है। अब जबकि तीन नामित सदस्यों के इस्तीफे को महापौर ने स्वीकृति प्रदान कर दी है तो स्वाभाविक है कि इनके द्वारा छोड़े गए पद पर तीन नए सदस्यों को मेयर को नामित करने का अधिकार प्राप्त है। इसी अधिकार के तहत मेयर वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान ने तीन पार्षदों के नाम चयनित करते हुए उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाने के लिए एक पत्र लिखकर सरकार को अवगत कराया है। ये तीन सदस्य कौन कौन हैं ये आपको बता दें।
महापौर श्री पासवान ने जो पत्र लिखा है, उसके अनुसार इस्तीफा दे चुके वार्ड नं 18 के पार्षद अशोक कुमार की जगह पर नवनिर्वाचित पार्षद अखौरी ओंकार नाथ का नाम को सूची में शामिल किया गया है। जो कि उपचुनाव 2023 में वार्ड नं 26 से जीत कर आए हैं। पूर्व डिप्टी मेयर अखौरी ओंकार नाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव को इस समिति के पुनर्गठन की प्रक्रिया में शामिल कर लिया गया है। जबकि शेष दो उन्हीं पार्षदों के नाम हैं, जिन्होंने स्वेच्छा से अशोक कुमार के साथ अपना इस्तीफा मेयर को दे चुके हैं। जिसे स्वीकृति भी मेयर पहले ही दे चुके हैं। यानी विनोद कुमार यादव और स्वर्णलता वर्मा को पुनः समिति में सदस्य के रूप में स्थान दिया जा रहा है। लेकिन खबर लिखे जाने तक magadhlive के पास जो सूचना है, इस पुनर्गठन की कवायद मेयर की तरफ से तो शुरू कर दी गई है लेकिन सरकार की तरफ से इस संबंध में नया कोई निर्देश या आदेश जारी नहीं किया जा सका है।
विश्वसनीय स्रोत से पता चला है कि इसको लेकर मेयर सरकार से शीघ्र ही नामित नए सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए जो पत्र लिखा है, उसमें कहा गया है कि ताकि आगामी बैठक में कोरम पूरा होता रहे और पूर्ण बहुमत से कार्य का नियमित संचालन किया जा सके। जबकि नगरपालिका एक्ट को देखा जाए तो मेयर चाहें तो नए सदस्यों के समिति में शामिल किए बगैर भी बैठक बुला सकते हैं और कोरम पूरा नहीं होने के अभाव जैसी कोई बात नहीं हो सकती। क्योंकि नौ सदस्यीय सशक्त स्थायी समिति में फिलहाल चार मेयर द्वारा नामित सदस्य हैं और इनके अलावा मेयर और डिप्टी मेयर पदेन सदस्य। इन सभी को मिलाकर छह लोगों की समिति अभी भी अस्तित्व में है। ऐसे में कोरम पूरा नहीं होने का खतरा या संकट जैसी कोई बात नहीं हो सकती है। हां! पूर्ण बहुमत की बात मेयर की सही है। बहरहाल, magadhlive की टीम इस समिति के नए सिरे से पुनर्गठन की प्रक्रिया पर नजर बनाए हुए है। जैसे ही कोई नया अपडेट प्राप्त होता है तो उससे अवगत कराने का प्रयास होगा।