दौलत की लालच: बेटे ने मां को ‘जीते जी’ मार डाला, वार्ड पार्षद व दो लोगों ने भी दी झूठी गवाही, जांच शुरू

Deobarat Mandal

देवब्रत मंडल

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मीणा देवी

दौलत की लालच में इंसान किस हद तक गिर सकता/जाता है यह कहना बड़ा मुश्किल है। वो भी जिस मां ने अपनी कोख में नौ महीने रखा और इस धरती पर लाईं, उसी बेटे ने मां को ‘जीते जी’ मार डाला और मां के नाम की दौलत अपने नाम करा लिया।  ये कलयुग है, जिसकी पराकाष्ठा तो नहीं कही जा सकती है लेकिन एक पुत्र दौलत की लालच में अपनी जीवित मां को मृत घोषित कर दिया है।

यह मामला गया जी शहर से जुड़ा है

गया जी शहर से ये मामला जुड़ा है, जब मीणा देवी(जीवित) को पता चला कि उसे उनके बेटे दिलीप कुमार ने मृत घोषित कर मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करवा लिया। इसी के आधार पर पुस्तैनी मकान को अपने नाम करा लिया है।

मीणा देवी ने नगर निगम का दरवाजा खटखटाया

अब मीणा देवी गया जी नगर निगम का दरवाजा खटखटाया है। जो पूछ रही है कि आखिर जब हम जिंदा हैं तो मेरे मर जाने का सर्टिफिकेट कैसे जारी किया गया?

मीणा देवी गुरुद्वारा रोड, गोसाईबाग की हैं निवासी

दरअसल, जारी प्रमाण पत्र के अनुसार गया जी नगर निगम के वार्ड नं 17 अंतर्गत गुरुद्वारा रोड, गोसाई बाग मोहल्ले की रहने वाली मीणा देवी की स्वाभाविक मृत्यु 28 फरवरी 2024 को हुई थी। जबकि मीणा देवी के बेटे ने कार्यपालक दंडाधिकारी के समक्ष शपथपत्र देकर कहा था कि उनकी मां मीणा देवी की मृत्यु गोसाईबाग मोहल्ला स्थित पुस्तैनी आवास पर हो गई है।

बेटे ने झूठा शपथपत्र दिया, की थी प्रमाणपत्र की मांग

इसी शपथपत्र के आधार पर जालसाज बेटे दिलीप कुमार ने गया नगर निगम में मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए अनुरोध किया था। इसके बाद प्रमाण पत्र निर्गत करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया था।

प्रखंड मुख्यालय स्तर से कर्मचारी ने की थी स्थलीय जांच

चुकि मामला एक महीने के बाद(ऊपर) का था तो इसकी जांच के लिए गया नगर प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी(बीएसो) के पास भेजा गया था। जहां से एक कर्मचारी धीरेंद्र जांच के लिए मृतक(कथित) के घर पहुंचा। यहां उन्होंने दो लोगों को गवाही देने के लिए कहा।

बाबूलाल और शंकर नामक व्यक्ति ने दी थी गवाही

इसके बाद कर्मचारी के सामने बाबूलाल और शंकर प्रसाद नामक व्यक्ति ने लिखित रूप में गवाही दी कि मीणा देवी, गोसाईबाग मोहल्ला निवासी की मृत्यु 28.02.2024 को घर पर ही हुई थी। इन दोनों ने अपना अपना आधार कार्ड और मोबाईल नंबर भी कर्मचारी धीरेंद्र को उपलब्ध करा दिया।

वार्ड पार्षद भी सच जाने बिना मृत घोषित कर दीं

हद तो यहां पार कर गया कि वार्ड नंबर 17 की पार्षद सोनी देवी ने 29.05.2024 को अपने लेटर पैड पर यह प्रमाणित कर दीं कि मीणा देवी की मृत्यु 28.02.2024 को इनकी मृत्यु बेटे के गुरुद्वारा रोड, गोसाईबाग स्थिति मोहल्ले में इनके आवास में हो चुकी थी। जबकि इन्हें अपने स्तर से जांच कर लेना चाहिए था।

मामले की जांच और कु#पुत्र की तलाश शुरू

अब जब मीणा देवी निगम के दरवाजे पर गुहार लगाने पहुंच गईं तो नगर निगम इस जारी मृत्यु प्रमाण पत्र के बारे में जांच शुरू कर दिया है। इधर, जीवित मीणा देवी को ‘जीते जी’ मारकर होल्डिंग नंबर नया 246, पुराना 239, वार्ड नं 17 को अपने नाम करवाने वाले बेटे दिलीप कुमार की विभाग द्वारा तलाश शुरू कर दी गई है।

…और अंत में

स्वाभाविक है कि मीणा देवी के नाम से जिस संपत्ति को गलत तरीके से जालसाजी कर हड़पने की कोशिश दिलीप कुमार ने किया है तो यह संपत्ति तो आज नहीं तो कल मां को वापस मिल जाएगा। सवाल है कि वार्ड पार्षद और दो लोगों की गवाही का क्या होगा?

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