गया में सौंदर्यीकरण के नाम पर ‘अहिंसा स्तंभ’ को पहुंचाया जा रहा नुकसान, मामला अल्पसंख्यक मंत्रालय व आयोग जा पहुंचा

Deepak Kumar
3 Min Read

देवब्रत मंडल

उत्तर भारत की सांस्कृतिक नगरी ‘गयाजी’ में सौंदर्यीकरण के बहाने विरासतों को संभालने के बजाय उसे नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसको लेकर गया के अधिवक्ता अंशुमन नागेन ने एक महत्वपूर्ण विरासत की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए अल्पसंख्यक मामले के मंत्री एवं आयोग को एक पत्र लिखकर विरासत को बचाने और इसके वजूद को नष्ट करने वाले दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।

मामला गया समाहरणालय के सामने जल फव्वारा का

अधिवक्ता श्री नागेन ने आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि हम प्राचीन शहर ‘गयाजी’ के नागरिक हैं। हर साल लाखों-लाख तीर्थयात्री इस शहर में आते थे। कि यह भगवान विष्णु, भगवान बुद्ध और भगवान महावीर की प्रतीक नगरी है। उन्होंने बताया है कि गया समाहरणालय के पास एक फव्वारा था जिसे विकसित किया गया था और संगमरमर से सजाया गया था। जिस पर महावीर के शिक्षण संदेश और अतीत की घटनाओं का सचित्र चित्रण था और भगवान महावीर और पवित्र चिन्ह अंकित थे।

1905 ई. में शिल्पकार पद्मश्री उपेंद्र महारथी ने बनाया था यह ‘अहिंसा स्तंभ’

जिस स्तंभ की बात हो रही है, उसका निर्माण 1905 ई. में दीपावली के दिन हुआ था। जिसके अभिकर्ता देश के महान शिल्पकार पद्मश्री उपेंद्र महारथी थे। इस स्तंभ के एक हिस्से में यह बात उल्लेखित है।

भगवान महावीर के संदेश लिखे शिलालेख को तोड़ दिया गया

उन्होंने कहा है कि जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए इस फव्वारे पर जैन धर्म का संदेश ‘अहिंसा परमो धर्म:’ विवरण वाला शिलालेख तोड़ दिया गया। जो अहिंसा और सार्वभौमिक का संकेत था। उन्होंने कहा है कि जैन समुदाय ने बड़े पैमाने पर जनता के हित में कई विकास कार्य किए हैं और इस तरह से नुकसान पहुंचाया जा रहा है। यह कृत्य पूरी तरह से अमानवीय है और अहिंसा में विश्वास रखने वाले पूरे समुदाय की भावना के खिलाफ है।

फव्वारे के विकास की आड़ में क्रूरतापूर्वक नुकसान पहुंचाया गया

उन्होंने कहा है कि गया नगर निगम द्वारा अच्छी तरह से काम करने वाले फव्वारे के विकास की आड़ में क्रूरतापूर्वक नुकसान पहुंचाया गया है। मूर्ति और उसमें अंकित संदेश, जनता की मेहनत की कमाई को बर्बाद कर रहे हैं। इनकी शिकायत है कि बस! घटिया ठेकेदारों को संपर्क देना और फव्वारा के विकास की आड़ में जनता के पैसे की हेराफेरी करना। जो निगम का नियमित फैशन बन गया है। उन्होंने कहा कि सीएजी ने गया म्युनिसिपल कारपोरेशन की कार्यप्रणाली पर कई आपत्तियां उठाई है।

इस फव्वारे को उसके मूल आकार में बहाल करने की मांग

अधिवक्ता श्री नागेन ने आयोग से अनुरोध किया है कि इस फव्वारे को उसके मूल आकार में बहाल किया जाए। इस फव्वारे को क्रूरतापूर्वक नष्ट करने के लिए संबंधित कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए और न्याय करें।

Share This Article
Follow:
Deepak Kumar – A dedicated journalist committed to truthful, unbiased, and impactful reporting. I am the Founder and Director of Magadh Live news website, where every piece of news is presented with accuracy and integrity. Our mission is to amplify the voice of the people and highlight crucial issues in society. "True Journalism, Unbiased News" – This is our core principle!
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *