देवब्रत मंडल

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व ओडिशा के पूर्व राज्यपाल रघुवर दास गया में होने वाले बिहार और झारखंड के कुष्ठ रोगियों के संयुक्त सम्मेलन में मुख्य अतिथि और उद्घाटनकर्ता के रूप में शिरकत करने की सहमति दी है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व ओडिशा के राज्यपाल रह चुके रघुवर दास से डॉ. बिनोद कुमार मंडल ने मुलाकात की है। बिहार राज्य कुष्ठ कल्याण समिति के अध्यक्ष सह पूर्व वार्ड पार्षद डॉ विनोद कुमार मंडल ने बताया कि इस सम्मेलन को लेकर उन्होंने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के पूर्व राज्यपाल श्री दास से मुलाकात कर कुष्ठ रोगियों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा भी की। उन्होंने बताया श्री दास से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में उनके अलावा बिहार से अनिल कुमार एवं झारखंड कुष्ठ कल्याण समिति के महासचिव मोहम्मद जियाउद्दीन भी थे।
सम्मेलन के उद्देश्य:
श्री मंडल ने बताया इस सम्मेलन का उद्देश्य कुष्ठ रोगियों की समस्याओं पर चर्चा करना और उनके लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के तरीकों पर विचार करना है। डॉ. बिनोद कुमार मंडल ने समाज के हर वर्ग और तबके के लोगों से कुष्ठ रोगियों के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाने और उनके पुनर्वास के लिए काम करने का आह्वान किया है। उन्होंने बताया सम्मेलन का उद्देश्य कुष्ठ रोगियों को सरकार से समान अधिकार दिलाना है।
अब आगे की कार्रवाई में तिथि निर्धारित की जाएगी

श्री मंडल ने बताया कि श्री दास संयुक्त सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने के लिए अपनी सहमति प्रदान की है। सम्मेलन में लिए गए निर्णयों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी और कुष्ठ रोगियों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया झारखंड कुष्ठ कल्याण समिति के लोगों से इस संयुक्त सम्मेलन को लेकर चर्चा हो चुकी है। तिथि का निर्धारण किया जाएगा।
राष्ट्रपति रह चुके आर. वेंकटरमन की पुत्री से भी मिल चुके हैं
डॉ. बिनोद कुमार मंडल ने कुष्ठ रोगियों के प्रति समाज में सहानुभूति और समर्थन बढ़ाने के लिए काम करने का संकल्प लिया है। इनके हितों की रक्षा को लेकर वर्षों से समर्पित डॉ विनोद कुमार मंडल अबतक देश के कई महत्वपूर्ण लोगों से मिल चुके हैं। पिछले साल भारत के राष्ट्रपति रह चुके आर. वेंकट रमण की पुत्री से मिलकर इस दिशा में पहल कर चुके हैं।
कई राज्यों का दौरा कर वहां के कुष्ठ रोगियों से मिलकर उनकी समस्याओं को देखा
कई राज्यों का दौरा कर वहां के कुष्ठ रोगियों के आश्रम में मिल चुके हैं। उनकी समस्याओं को करीब से देखा है। संबंधित राज्यों के राज्यपाल और सरकार से मिलकर समाज के निचले पायदान पर माने जाने वाले कुष्ठ रोगियों के सामाजिक उत्थान और इन्हें न्याय दिलाने में लगे हुए हैं।