देवब्रत मंडल

12802 नई दिल्ली-पुरी पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के टिकट चेकिंग स्टाफ के साथ मेडिकल की एक छात्रा द्वारा बदसलूकी करने के साथ साथ उनकी नौकरी खा जाने की धमकी देने का एक मामला सामने आया है। मेडिकल की छात्रा औरंगाबाद जिले के दाउदनगर की रहने वाली बताई गई है। जो सीआईटी के साथ बदसलूकी तो की हीं, साथ ही गया जंक्शन पर आरपीएफ के स्टाफ के साथ बेअदबी से पेश आई। मामला जब तूल पकड़ने लगा तो छात्रा के साथ आरपीएफ को कानूनी कदम उठाना पड़ा।
इस ट्रेन के सीआईटी/गोमो एस.एस. प्रसाद ने magadhlive को बताया कि 3 नवंबर को उनकी ड्यूटी 12802 डाउन में थी। जब वे ए-2 कोच में यात्रियों के टिकटों की जांच शुरू की तो बर्थ नंबर 3 पर एक युवती बैठी हुई थी। साथ में एक ट्रॉली बैग था। जो फिरोजी रंग के लिबास में थी। जब उनसे टिकट दिखाने को बोला गया तो काफी रौब में बोली-टिकट! कैसा टिकट। इसके बाद युवती ने खुद को गया के मेडिकल(एएनएमएमसीएच) की छात्रा बताते हुए रौब से कही कि-बड़का टीटीई आ गए हैं जो टिकट मांग रहे हैं। इसके बाद युवती ने उन्हें(सीआईटी को) कहा कि अनुग्रह नारायण रोड से गया का क्या टिकट लेंगे? इसके बाद सीआईटी श्री प्रसाद टिकट बनवाने के लिए कहा तो युवती उन्हें गाली गलौज करते हुए मारपीट पर उतारू हो गईं। यहां तक कि उनकी नौकरी खा जाने की धमकी देने लगी।
सीआईटी श्री प्रसाद ने बताया कि जब बात हद से पार होने लगी तो उन्होंने धनबाद कमर्शियल कंट्रोल को इसकी सूचना देते हुए महिला आरक्षी और आरपीएफ स्टाफ की मांग की। इसके बाद गया जंक्शन जब ट्रेन पहुंची तो पोस्ट प्रभारी निरीक्षक, एक महिला आरक्षी और एक उपनिरीक्षक कोच के पास पहुंचे। जिन्हें युवती की पहचान बताते हुए कहा कि यही लड़की उनके साथ बदतमीजी से पेश आई और धमिकयां दी है। तब तक युवती कोच से उतर चुकी थी। जिसे आरपीएफ के द्वारा रोका गया। सीआईटी श्री प्रसाद ने बताया कि आरपीएफ के पदाधिकारी के साथ भी युवती बदसलूकी से पेश आई। इसके बाद उन्होंने अपना लिखित मेमो आरपीएफ पोस्ट प्रभारी को सौंप दिया। इसके बाद ट्रेन गया जंक्शन से खुल गई। उन्होंने बताया कि कोच के जो अन्य यात्री थे। जो युवती द्वारा की जा रही बदसलूकी को देखा है। उन्होंने भी उनकी बातों का समर्थन किया है।
इधर, आरपीएफ पोस्ट द्वारा सीआईटी द्वारा दिए गए मेमो के आधार पर कानूनी कार्यवाही करते हुए रेलवे मजिस्ट्रेट के न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय द्वारा उन्हें आर्थिक दंड लगाया गया। बताया गया कि ₹1548/- किराया और कोर्ट द्वारा आदेश के तहत जुर्माना के रूप में राशि जमा कर दिए जाने के बाद युवती को छोड़ दिया गया। बताया गया कि युवती जो मेडिकल की छात्रा है का एक सहपाठी भी युवती के द्वारा कॉल किए जाने के बाद आ गए थे। जिसने बताया कि छात्रा के साथ कुछ मेडिकल इशू(कोई बीमारी) है। जिसकी वजह से इस तरह का व्यवहार की होगी। देखा जा रहा है कि इन दिनों लगभग प्रीमियम ट्रेनों में इस स्वभाव की महिला यात्री सफर करती हैं। जिनसे टिकट मांगना टिकट चेकिंग स्टाफ उचित नहीं समझते हैं। चेकिंग स्टाफ का कहना है कुछ महिला या स्टूडेंट्स के साथ मजबूरियां हो सकती है लेकिन अधिकांशतः महिला यात्री सफर में धौंस जमाते हुए निकल जाती हैं। कारण कि उनके साथ न तो आरपीएफ या जीआरपी की महिला आरक्षी या अन्य कोई पदाधिकारी ड्यूटी के दौरान होते हैं। इस वजह से कई बार समझौता करना पड़ता है लेकिन जो नियम कानून हैं कि बिना टिकट यात्रा करने वाले लोगों से जुर्माना लेना है तो ऐसी स्थिति में उलझन हो जाती है।
