देवब्रत मंडल

गया नगर निगम में साफ-सफाई व्यवस्था पर आमजन अंगुली उठाते हुए आ रहे हैं तो वे गलत नहीं कर रहे हैं। शहर में साफ सफाई की जो व्यवस्था बनाई गई उसे मोनिटरिंग करने वाले जिम्मेदार कर्मचारी हो या पदाधिकारी। सब के सब कहीं न कहीं दोषी हैं। ऐसे कर्मियों के साथ साथ जिम्मेदार पदाधिकारियों की लापरवाही उजागर होने पर कार्रवाई होनी चाहिए।
नगर आयुक्त कुमार अनुराग निकल गए औचक निरीक्षण में

आमजनों की शिकायत नगर आयुक्त भा.प्र.से. कुमार अनुराग तक पहुंच रही थी कि वार्ड में सफाई व्यवस्था में लोचा के कारण आमजन नाराज हैं। ऐसे में शुक्रवार को नगर आयुक्त सफाई व्यवस्था का औचक जांच में निकल पड़े।
कई वार्डों के निरीक्षण में सफाई कर्मी गायब मिले तो कुछ समय से पहले भाग गए
नगर आयुक्त ने अपने निरीक्षण में पाया कि कई जगहों पर सफाई कर्मचारी नहीं पहुंचे थे, जहां उनकी ड्यूटी लगाई गई थी। कई जगहों पर पाया कि जितने बजे तक उनकी ड्यूटी लगाई गई है उस समय से पहले ही कर्मचारी निकल पड़े थे।
मानदेय में कटौती का दिया गया निर्देश
नगर आयुक्त ने बताया कि ऐसे लापरवाह कर्मियों के मानदेय में कटौती के आदेश दिया गया है। साथ ही छठ पर्व को लेकर साफ सफाई कार्य में लापरवाही बरतने वाले लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
वार्ड नं 37, 41, 42 और 45 में देखी गई लापरवाही, मांगा स्पष्टीकरण
गया नगर निगम के वार्ड नं 37, 41, 42 और 45 में निरीक्षण और भ्रमण के क्रम में कहीं वाहन चालक के तो कहीं वार्ड जमादार, सफाई कर्मियों के गायब होने तथा समय से पहले भाग जाने का मामला सामने आया। नगर आयुक्त ने स्वच्छता पदाधिकारी को इसके लिए संबंधित कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगने को कहा है।
आखिर इसके लिए केवल निचले तबके के कर्मी जिम्मेदार?
जब नगर आयुक्त कुमार अनुराग अपने अधीनस्थ अपर नगर आयुक्त, स्वच्छता पदाधिकारी और विभागीय अभियंताओं के साथ निरीक्षण और जांच करने निकले तो ऐसी लापरवाही सामने आई। अब सवाल उठता है कि आखिर इसकी मोनिटरिंग करने वाले जिम्मेदार पदाधिकारी क्या कर रहे हैं? इसके लिए केवल निचले स्तर के कर्मचारियों को केवल दोषी ठहराया जाना उचित नहीं, बल्कि इन्हें भी कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदारी नहीं निभाने के लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए। तब कहीं अपेक्षित परिणाम सामने आएगा।