एटीएम कार्ड बदल कर रुपये निकालने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के चार लोगों को पुलिस ने दबोचा, जानें कैसे देते थे कांड को अंजाम

Deobarat Mandal

देवब्रत मंडल

image editor output image 809622156 17524167571104695726833539332034 एटीएम कार्ड बदल कर रुपये निकालने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के चार लोगों को पुलिस ने दबोचा, जानें कैसे देते थे कांड को अंजाम

गयाजी के वरीय पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार के निर्देशन में साइबर अपराध के विरुद्ध चलाए जा रहे विशेष सतर्कता अभियान के तहत एटीएम फ़्रॉड गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन अपराधियों के द्वारा इतनी चालाकी से काम किया जाता था कि आम आदमी को समझ पाना मुश्किल का काम था। ये तो गया पुलिस की बड़ी कामयाबी मिली है कि टीम को जब इस गिरोह के लोगों के बारे में गुप्त सूचना मिली तो गिरोह के चार लोगों को घेर कर दबोच लिया।

सूचना मिलते ही टीम को तैयारी के साथ भेजा गया

एसएसपी आनंद कुमार ने बताया कि आसूचना प्राप्त हुई कि कुछ साइबर अपराधी एटीएम ठगी की मंशा से गया जिला क्षेत्र में भ्रमणशील हैं। इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए नगर पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन एवं नगर पुलिस उपाधीक्षक-1 के नेतृत्व में तकनीकी शाखा, गया के पुलिस पदाधिकारी व कर्मी को शामिल कर विशेष टीम का गठन किया गया।

विशेष टीम ने घेराबंदी कर अभियुक्तों को पकड़ा

विशेष टीम के द्वारा उक्त सूचना के आधार पर लगातार निगरानी करते हुए कादिरगंज थाना (नवादा) क्षेत्र के ग्राम अटउआ के निकट घेराबंदी कर चार अभियुक्तों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया।

सभी अपराधी नवादा जिले के हैं रहने वाले

पकड़ाए अभियुक्तों ने अपना नाम व पता 01. रितिक कुमार, पिता कुन्दन सिंह, साकिन बदलपुर, थाना नरहट, 02. दयानन्द कुमार उर्फ छोटे लाल, पिता सुनिल सिंह, साकिन अतौआ, थाना कादिरगंज, 03. रविकान्त कुमार उर्फ रिशु, पिता जितेन्द्र सिंह, साकिन कुंज, थाना रोह, एवं 04. रवि कुमार, पिता उमेश सिंह, साकिन एकनार, थाना हिसुआ, सभी जिला नवादा बताया।

अपराधियों के पास से बरामद सामान

गिरफ्तार सभी अभियुक्तों एवं जप्त चारपहिया वाहन की विधिवत तलाशी के क्रम में कुल 06 मोबाइल फोन, 09 एटीएम कार्ड, 01 पैन कार्ड, 04 फेवीक्विक ट्यूब, 01 पेचकस तथा 01 प्लास बरामद किए गए।

ऐसे देते थे कांड को अंजाम, झांसे में आ जाते थे ग्राहक

एसएसपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने स्वीकार किया कि वे एटीएम बूथों पर फर्जी हेल्पलाइन नंबर चिपकाते थे और एटीएम मशीन के स्लॉट में फाइबर स्टिक लगाकर ग्राहकों के कार्ड को फंसा देते थे। जब कोई व्यक्ति उक्त नंबर पर कॉल करता, तो वे उसे संबंधित बैंक में जाने की सलाह देते थे। इसके बाद, मौके पर अपने गिरोह के किसी सदस्य को ‘सहायता’ के नाम पर भेजते थे, जो अवसर का लाभ उठाकर ग्राहक का एटीएम कार्ड बदल देता था। बाद में उस कार्ड का दुरुपयोग कर खाते से अवैध रूप से पैसे निकाल लिए जाते थे।

कई राज्यों में देते हुए आ रहे थे कांड को अंजाम

इन अभियुक्तों ने अब तक उत्तर प्रदेश, झारखंड एवं बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में इस प्रकार की साइबर ठगी की कई घटनाओं को अंजाम देने की बात स्वीकार की है। उल्लेखनीय है कि गिरफ्तार अभियुक्तों की संलिप्तता सिविल लाइन थाना कांड संख्या-156/25, दिनांक 13.04.2025 में भी पाई गई है, जिसमें वादी ने शिकायत की थी कि एटीएम कार्ड फंसने के बाद कॉल करने पर ठगों ने कार्ड बदलकर खाते से सारा पैसा निकाल लिया था। गिरफ्तार सभी अभियुक्तों के आपराधिक इतिहास की जांच जारी है। गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी हेतु छापेमारी की जा रही है।

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