देवब्रत मंडल

गयाजी के एक अस्पताल में इन दिनों भय का ऐसा माहौल है कि मेडिकल, नर्सिंग स्टाफ से लेकर चिकित्सक भी अपराधियों के कारण ड्यूटी करते समय डरते हैं। दिन के उजाले में खिड़कियों के ग्रिल उखाड़ ले रहे हैं। दिन तो कट जाती है लेकिन रात डरावनी लगती है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कहते हैं कि थाना में लिखित शिकायत दी गई है। गश्त करने की मांग की गई है। हमारी मौजूदगी में ही खिड़की के बाहर में लगा ग्रिल उखाड़ कर ले जाने की तैयारी में ही थे कि मेरी नजर पड़ गई। जब विरोध किया तो ग्रिल छोड़कर भाग गए।
खिड़की में लगे ग्रिल को रेल के ही टाइबर से उखाड़ रहे थे
घटना 03 जुलाई की गया जी के रेलवे अनुमंडल अस्पताल की है। इस दिन अपराधियों के द्वारा सीएमएस के रेस्ट हाउस की खिड़की में लगे ग्रिल को रेल के ही टाइबर से उखाड़ रहे थे लेकिन सीएमएस डॉ. संदीप कुमार ने देख लिया। विरोध स्वरूप जब प्रतिक्रिया दी तो अपराधी भाग गए।
एसी मशीन का तार काट लिया
इस अस्पताल में हाल ही में नई डिजिटल एक्स रे मशीन लगाई गई है। इस कमरे के लिए एसी लगाई गई है। यहां के स्टाफ द्वारा बताया गया कि इसका केबल काट कर अपराधी ले भागे हैं।

अलमुनियम का ग्रिल भी चुरा ले गए अपराधी
कुछ दिन पहले अस्पताल के एक कमरे की खिड़की पर एल्युमिनियम का ग्रिल लगा हुआ था, जिसे भी अपराधी उखाड़ कर ले गए थे। लोहे के रॉड आदि छोटे मोटे सामान अक्सर चोरी हो जाया करते हैं।
अस्पताल के छत पर अपराधी करते हैं नशापान
अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि शाम होते ही कुछ असामाजिक तत्व के लोग अस्पताल की छत पर चढ़ जाते हैं और नशापान करते हैं। मनाही करने पर धमकियां दी जाती है। 112 डायल की पुलिस बुलाने पर भी धमकी दी जाती है कि पुलिस को फोन करते हो। इस अस्पताल में रात में ड्यूटी पर रहने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों को ऐसे आपराधिक तत्वों से भय का माहौल बना हुआ है। कर्मचारियों का कहना है कि वे ड्यूटी करें या अपनी जान बचाएं। समझ में नहीं आता है।

सिविल लाइंस थाना और आरपीएफ को दी गई है सूचना
चुकी यह अस्पताल गयाजी शहर के सिविल लाइन्स थाना क्षेत्र में पड़ता है। इस तरह की घटना को लेकर सिविल लाइंस थाना को लिखित सूचना देकर कर्मचारियों ने अपनी सुरक्षा की गुहार लगाते हुए गश्ती दल द्वारा सहयोग करने की मांग की है। वहीं रेलवे सुरक्षा बल को भी इसकी लिखित सूचना दी गई है।
सीएमएस का है कहना
इस अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संदीप कुमार का कहना है कि इस संबंध में लिखित सूचना सिविल लाइंस थाना एवं आरपीएफ पोस्ट प्रभारी निरीक्षक को दी गई है।
कुछ पकड़े गए थे लेकिन कुछ बरामद नहीं हुआ
अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि रेलवे सुरक्षा बल को जब इसकी सूचना दी गई थी तो एक टीम अस्पताल पहुंची थी। आसपास से कुछ लोगों को संदेह के आधार पर हिरासत में ले गई थी। जिनके पास से चोरित संपति बरामद नहीं हुई थी तो सभी के विरुद्ध रेलवे एक्ट के तहत कार्रवाई भी हुई है।