फॉलोअप:दुरंतो एक्सप्रेस में चोरी या और कुछ, यात्रियों के बयान कुछ और ही कह रहे, उच्चस्तरीय जांच की दरकार

Deobarat Mandal

देवब्रत मंडल

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दुरंतो एक्सप्रेस में हुई छिनतई की घटना को भले ही चोरी कह रही है पुलिस, पर यात्रियों ने जो बातें कही है, उन सभी वीडियो को देखेने के बाद यही बात सामने आ रही है कि अपराधियों की संख्या जितनी बताई जा रही वो कोई साधारण चोर गिरोह के सदस्य नहीं, बल्कि शातिर लूटेरे हैं। एक नहीं कई कोच में अपराधी थे, जो यात्रियों के सामान लेकर मजे से ट्रेन को रोक कर आराम से भाग निकले। हालांकि गया रेल पुलिस अंचल क्षेत्र के सीनियर इंस्पेक्टर सुशील कुमार ने बताया कि यात्रियों के कई बैग, सामान आदि बरामद कर लिए गए हैं। अपराधियों की भी पहचान कर ली गई है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिए जाने का दावा भी किया गया है।

सुनसान जगह पर एक घंटा रुकी रही ट्रेन

12282 आनंद विहार-भुवनेश्वर दुरंतो एक्सप्रेस में 26-27 जून की देर रात गया जंक्शन के पहले अपराधी ट्रेन से उतर गए थे। यहां जैसा कि यात्री बता रहे हैं कि ट्रेन सुनसान स्थान पर करीब एक घण्टा रुकी रही थी। कुछ यात्रियों का कहना है कि उन्होंने घटना को अंजाम देने वाले को देखा है और कुछ कह रहे हैं कि वे सो रहे थे।

सवाल नंबर-1

सबसे बड़ा सवाल और जांच की बात है कि इस ट्रेन में इतनी संख्या में अपराधी अलग अलग कोच में सवार कहां यानी किस रेलवे स्टेशन पर हुए थे। यदि ये सभी अधिकृत पैसेंजर्स के तौर पर सफर कर रहे होंगे तो रिज़र्वेशन चार्ट की जांच करने पर कुछ पता चल सकता है और यदि अनाधिकृत तौर पर अलग अलग कोच में सफर कर रहे थे तो ट्रेन में स्कोर्ट करने वाली आरपीएफ, रेल पुलिस और टीटीई कहां थे?

सवाल नंबर-2

दूसरा सवाल कि 12282 दुरंतो एक्सप्रेस का जब ठहराव गया जंक्शन पर भी नहीं है तो अपराधियों को भी ये बात पता होगा कि यह ट्रेन गया जंक्शन पर नहीं ठहरती है। तो ऐसे में घटना को कैसे अंजाम देना होगा और कहां पर ट्रेन को रोककर उतर जाना चाहिए। ये पूरी तरह से सुनियोजित तरीके से किया गया है।

सवाल नंबर-3

तीसरा सवाल कि अपराधियों के जिस गिरोह ने इस बड़ी वारदात को अंजाम दिया है वो शातिर बदमाश होंगे और आदतन अपराधी होंगे। चोरी, छिनतई और लूट ये तीनों शब्द अलग हैं। चोरी का अर्थ है कि घटना कारित हो जाने के बाद पीड़ित व्यक्ति को पता चलना। जबकि इस घटना में एक पीड़िता का बयान जो वीडियो के माध्यम से सामने आया है, उनके अनुसार उनका सामान उनकी आंखों के सामने उनसे छीन लिया गया है। स्वाभाविक है कि भय से यात्री उतना विरोध नहीं कर सकी, जितना की एक साधारण व्यक्ति कर सकता है। परंतु ऐसा भी हो सकता है कि उसने उतना विरोध इसलिए नहीं किया, हो सकता है उन्हें जान जाने का भी खतरा बना हुआ होगा। तो इसे छिनतई और लूट दोनों कहा जा सकता है।

अपराधियों का समूह फुलप्रूफ योजना बनाई होगी

स्वाभाविक रूप से यह समझने की बात है कि गिरोह के लोग ये भी अच्छी तरह से सोचकर ही इस तरह की घटना को अंजाम देने की योजना बनाई होगी। यह भी तैयारियां कर रखे होंगे कि यदि यात्रियों का समूह एकजुटता के साथ विरोध करने लगेंगे और पकड़े जाने की स्थिति उत्पन्न होने पर इससे बचने के लिए मारपीट और भयभीत करने के लिए आर्म्स का भी प्रयोग करने की बात हो तो वो भी कर सकते थे।

उच्चस्तरीय जांच और ठोस कदम उठाने की दरकार

घटना मामूली नहीं। भले ही इसे चोरी या छिनतई का नाम दे दिया जाता है लेकिन रेल का सफर सस्ता, निरापद और सुरक्षित माना जाता है। इस मामले को आरपीएफ और रेल पुलिस के उच्च अधिकारी किस प्रकार लेते हैं। अपराधी पकड़े जाने के बाद क्या क्या बताते हैं ये पुलिस की कार्रवाई का हिस्सा है। अब, आगे से ऐसी घटना नहीं हो, इसको लेकर रेल प्रशासन को विशेष कार्ययोजना तैयार करने के साथ इस पर कार्य करने की जरूरत है।

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