देवब्रत मंडल

कार्तिक शुक्लपक्ष उत्थान द्वादशी पर प्रबोधोत्सव (तुलसी विवाह महोत्सव) को बड़े ही हर्षोल्लास से मंत्रालय स्वामी डॉ. रामाचार्य के मार्गदर्शन में मनाया गया। इस अवसर पर पाठशाला के अनेक आचार्य एवं विद्यार्थीगण उपस्थित रहे। वैदिक विधि विधान के साथ विवाह कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर विद्यार्थियों के द्वारा मंगलाचरण वैदिक पाठ गणेश पूजा, मंत्रोच्चार, पाणिग्रहण, सप्तपदी, सिंदूरदान, मंगलसूत्र बंधन, मंगलाष्टक, कन्यादान संकल्प किया इत्यादि विधिवत गया। पाठशाला से जुड़े हुए अनेक भक्तगण एवं माताओं ने मंगल लोकगीत गाकर के तुलसी दामोदर विवाह में भाग लिया। शास्त्रों में भगवान के इस मंगल विवाह का विशेष महत्व है। जिनकी पुत्री ना हो वह तुलसी विवाह करके कन्यादान का फल प्राप्त कर सकता है। इस विवाह में सम्मिलित होने से सुख, समृद्धि, सुभता का संचार होता है। जिनके विवाह में अड़चन आ रहा हो लड़के, बालिका विवाह के लाजा होम के धान के लावा को खाने से शीघ्र ही विवाह हो जाता है। इस अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का भी आयोजन किया गया था। जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। यह जानकारी पाठशाला के प्राचार्य पंडित राजा आचार्य ने दी।
