देवब्रत मंडल

भारतीय रेल की अत्याधुनिक सुविधाओं से लैश वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सुरक्षा यहां भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। कोई भी ऐरा गैरा प्लेटफॉर्म पर खड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस के बंद कोच के दरवाजे को खोल दे रहा है। जिससे यात्री की सुरक्षा के साथ रेल संपत्ति की सुरक्षा खतरे में नजर आती है। सबसे बड़ी बात यह देखने को मिले कि एक भी सुरक्षा कर्मी प्लेटफॉर्म पर नजर नहीं आए।

गया जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 1/सी पर हावड़ा-गया वंदे भारत एक्सप्रेस शनिवार को आकर लगी हुई होती है। इस ट्रेन के दरवाजे बंद थे। इस प्लेटफॉर्म पर एक दो लड़के आते हैं और बंद दरवाजे को बटन दबाकर खोल देते हैं। एक नहीं दो कोच के दरवाजे खोलने के बाद तीसरे कोच का दरवाजा खोलने के लिए बटन दबाने की कोशिश करते देखे गए। जब इन बच्चों की गतिविधियों को magadhlive ने कैमरे में कैद करना चाहा तो लड़के भाग खड़े हुए। यहां न तो रेलवे सुरक्षा बल दिखाई दिए और न तो राजकीय रेल पुलिस के कोई भी।
सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर इस ट्रेन की सुरक्षा करना किसकी जिम्मेवारी बनती है। दूसरा कि यदि इसी प्रकार की लापरवाही बरती जा रही है तो संरक्षा भी प्रभावित हो रही है। कुछ देर बाद इसी प्लेटफार्म पर कई और लड़के फुटबॉल लेकर आ जाते हैं और इस जगह को खेल का मैदान समझ कर खेलना शुरू कर देते हैं। देखा गया कि इस प्लेटफार्म पर आने के लिए हर तरफ रास्ते खुले हैं। ऐसे में आपराधिक घटनाओं को भी अंजाम देकर अपराधी आराम से निकल जा सकते हैं। ऐसे में ये कहना अतिश्योक्ति नहीं कि इस ट्रेन के साथ साथ यात्रियों की सुरक्षा भगवान के भरोसे है। देखा जाए तो शनिवार(06सितंबर) से गया जी में विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला शुरू हो गया है। गया जी में विभिन्न हिस्सों से ट्रेन द्वारा तीर्थयात्रियों का आना शुरू हो गया है तो जिस प्रकार सुरक्षा व्यवस्था का दावा किया जा रहा है, ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला।