दिल्ली सेवा विधेयक: विपक्ष और सत्तारूढ़ गठबंधन के साथ चुनौती कम नहीं, विपक्षी एकता में एकजुटता की कमी तो नहीं

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राज्यसभा में सत्ता पक्ष के पास हालांकि बहुमत नहीं है, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली सेवा विधेयक (Delhi Services Bill) को पारित कराना उसके लिए ज्यादा मुश्किल नहीं होगा। एनडीए और इंडिया के गठबंधनों से बाहर के छह दलों के राज्यसभा में 28 सांसद हैं, जिनमें से तीन दल सरकार को समर्थन का संकेत दे चुके हैं। ऐसे में संख्या बल में मजबूत होने के बावजूद विपक्ष एकजुटता की कमी के चलते कमजोर रहता है।

राज्यसभा में अभी 238 सदस्य हैं और यदि दिल्ली विधेयक पर वोटिंग के वक्त इनमें से सभी मौजूद रहते हैं तो सरकार को बिल पारित कराने के लिए 120 सदस्यों का समर्थन चाहिए, लेकिन एनडीए के पास इस समय 110 सदस्य हैं।

हालांकि, तीन निर्दलीयों में से भी एक के समर्थन का दावा किया जा रहा है। फिर भी नौ और सदस्यों की जरूरत है। ऐसे में 11 तटस्थ दल हैं, जिनकी लोकसभा में उपस्थिति है और उनके पास वहां 63 सांसद भी हैं। पर इनमें से छह दलों के पास ही राज्यसभा में सांसद हैं जिनकी संख्या 28 है।
इनमें से तीन दलों वाईएसआर कांग्रेस, बीजद और तेदेपा ने दिल्ली से जुड़े विधेयक पर सरकार को समर्थन के संकेत दिए हैं। वाईएसआर कांग्रेस और बीजद के नौ-नौ सदस्य हैं जबकि तेदेपा का एक सदस्य है। इस प्रकार सरकार के पास 19 अतिरिक्त सीटों का जुगाड़ हो गया है।

राज्यसभा में NDA की ताकत

भाजपा : 92

मनोनीत : 5

अन्नाद्रमुक : 4

आरपीआई : 1

एनपीपी : 1

एमएनएफ : 1

टीएमसी (मूपनार) : 1

पीएमके : 1

एजीपी : 1

यूपीपीएल 1

एसडीएफ :1

एनसीपी (अजित गुट) : 1

INDIA गठबंधन के कुल 97 सदस्य

तृणमूल : 13

आप : 10

डीएमके : 10

आरजेडी : 6

माकपा : 5

जदयू : 5

सपा : 3

शिवसेना : 3

एनसीपी : 3

भाकपा : 2

जेएमएम : 2

आईयूएमएल : 1

एमडीएमके : 1

केसीएम : 1

आरएलडी : 1

तटस्थ दलों के 28 सांसद

वाईएसआर कांग्रेस : 9

बीजद : 9

बीआरएस : 7

बीएसपी : 1

जेडीएस : 1

टीडीपी : 1

समूचा विपक्ष एकजुट हो तो मुश्किल

यहां महत्वपूर्ण यह है कि राज्यसभा में असल ताकत विपक्ष के पास है। यदि समस्त विपक्ष एकजुट हो जाए। सभी छह तटस्थ दल इंडिया के साथ आ जाए तो फिर सरकार के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी क्योंकि ऐसे में तब विपक्ष के पास 127 सीटों का संख्या बल होता है, लेकिन राज्यसभा में विपक्ष कभी भी एकजुट नहीं दिखा है।

इंडिया’ का पलड़ा फिलहाल कमजोर

राज्यसभा में विपक्ष यानी इंडिया के पास अभी कुल 97 सीटों का संख्या बल है। तीन निर्दलीयों में से एक एनडीए के साथ जाता है और दो इंडिया के साथ आते हैं तो भी यह संख्या 99 तक ही पहुंचती है। ऐसे में तटस्थ छह दलों के 28 में से 19 सांसद पहले ही एनडीए के साथ जाने के संकेत दे चुके हैं। ऐसे में शेष नौ सदस्य बचते हैं जो विपक्ष का साथ दे सकते हैं। इनमें बीआरएस के 7 तथा जेडीएस तथा बीएसपी के एक-एक सदस्य हैं, लेकिन बीएसपी और जेडीएस को लेकर कहा जा रहा है कि वे या तो सरकार के साथ जाएंगे या तटस्थ रहना पसंद करेंगे। अलबत्ता बीआरएस इस मामले में इंडिया का तो नहीं, लेकिन ‘आप’ का साथ देने को तैयार है।
खबर के श्रोत(livehindustan)

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