टिकारी संवाददाता: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस वर्ष प्रगति यात्रा के पूर्व वर्ष 2018 में समीक्षा यात्रा में जिले के टिकारी प्रखंड अंतर्गत लाव गांव आये थे। तब भी उन्होंने करोड़ों रुपए की योजना का उद्घाटन और शिलान्यास किया था। उसमें एक महत्वपूर्ण योजना मोरहर नदी में लाव-पूरा देसइन पइन के मुहाने पर बियर बांध निर्माण कराने की मुख्यमंत्री की घोषणा भी शामिल है। लेकिन क्षेत्र के किसानों के लिए दुर्भाग्य है कि 8 वर्षों बाद भी सिंचाई की महत्वाकांक्षी योजना आज तक धरातल पर नही उतरी। जल संसाधन विभाग पटना और गया के विभागीय अधिकारियों के बीच केवल योजना से जुड़े फाइल का आदान-प्रदान होता रहा। पिछले वर्ष नवंबर माह में विभाग के अभियंता प्रमुख के नेतृत्व में आयी अधिकारियों की हाई लेवल टीम ने प्रस्तावित बियर बांध स्थल का जब गहन निरीक्षण किया था तो किसानों में बीयर बांध बनने को लेकर आस जगी थी। फिर जब प्रगति यात्रा पर इमामगंज आये तो क्षेत्र के लोगों को लगा कि तब नही तो अब मुख्यमंत्री अपनी 8 वर्ष पुरानी घोषणा को अमलीजामा पहनाएंगे। लेकिन हुआ ढाक के तीन पात।
योजना के पुर्नस्थापना हेतु अभियंता प्रमुख इंजीनियर नंद कुमार झा ने विभाग के गया अधिकारियों व तकनीकी टीम को बांध स्थल का पुनः सर्वे, सिंचाई एरिया का भौगोलिक सर्वे, एंड लेवल तक पानी की उपलब्धता, वाटर लेवल, बांध का कंस्ट्रक्शन व डिजाइन, वेड लेवल, चैनल का स्वरूप, स्लोप, आरसीसी बाल, गेटेड स्ट्रक्चर सहित कई अहम तकनीकी बिंदुओं पर चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिया था। साथ ही वंहा निरीक्षण के दौरान मौजूद लोगों को शीघ्र ही प्रस्तावित योजना की स्वीकृति सरकार द्वारा प्रदान करने की बात कही थी। लेकिन आजतक ऐसा कुछ नही हुआ।
क्या है लाव बियर बांध योजना?

टिकारी प्रखंड अंतर्गत सिंघापुर ग्राम के सामने मोरहर नदी में लाव-देसइन के मुहाने पर बियर बांध निर्माण का प्रस्ताव था बियर बांध निर्माण हो जाने से लाव देसइन पईन और मउ पईन से जुड़े दर्जनों गांव के 2108.75 हेक्टेयर खेतों में सिंचाई का प्रस्ताव था। पूर्व में 77 करोड़ 17 लाख डीपीआर बनाया भी गया था। प्रखंड के इन गांवों को है बियर बांध का इंतजार लाव पंचायत के लाव, सोवाल, गंगासागर, पंचमहला, काशि बिगहा, बेदौली, साहोपुर, पूरा पंचायत के पूरा, अलालपुर, हरना, मठिया, मनरसा, गुलजान, केसोबिगहा, महुआ बिगहा, महादेव बिगहा, महमना पंचायत के गहरपुर, गौरी शंकर, महमना, नामनगर के अलावे नोनी पंचायत, मउ पंचायत, बेल्हड़िया पंचायत (अब नगर परिषद का हिस्सा), आमाकुंआ पंचायत, सिमुआरा पंचायत और कोंच प्रखंड सहित दर्जनों गांव के किसानों को मिलेगा। किसानों में छाई मायूसी प्रगति यात्रा में मुख्यमंत्री द्वारा योजनाओं के उद्घाटन, शिलान्यास और घोषणा में लाव बियर बांध का नाम शामिल नही रहने के बाद प्रभावित क्षेत्र के किसानों में एकबार फिर मायूसी छा गयी है। वंही कुछ गांवों में सरकार के विरूद्ध आवाज भी उठनी शुरू हो गयी है। किसानों का मानना है कि जब अपनी ही घोषणा मुख्यमंत्री 8 वर्षोंके भी पूरा नही कर सकते तो इससे अच्छा है आगामी चुनाव में सत्ताधारी पार्टी को सबक सिखानी चाहिए।