गया जंक्शन के वाहन स्टैंड: नियमों और आदेश की उड़ रही धज्जियां, सवाल करने पर अपनी-2 जिम्मेदारी टाल गए पदाधिकारी

Deobarat Mandal

देवब्रत मंडल

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पूर्व मध्य रेल के डीडीयू मंडल अंतर्गत गया जंक्शन के सर्कुलेटिंग एरिया में कार पार्किंग का ठेका पटना की एक एजेंसी को रेल प्रशासन द्वारा दिया गया है। जो तीन वर्षों के लिए 15 अगस्त 2027 तक मान्य है। डीडीयू मंडल के वाणिज्य विभाग के अधिकारी वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक ने 16.08.2024 को अपने आदेश में बहुत बातें लिखी है। जिसमें कुछ बातें आपकी जानकारी में शायद नहीं हो। जिसकी खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए दिखाई दे रही है। बुधवार को जब गया जंक्शन के बाहरी परिसर की तस्वीरों को कैमरे में कैद किया गया तो नजारे कुछ और ही इशारे करते हैं। जब संबंधित अधिकारियों से इन अनियमितताओं को लेकर सवाल कहें या जानकारी लेने के लिए संपर्क किया गया तो सभी एक दूसरे पर टालने जैसी बात कह गए।

पहले जानें किसे और क्या क्या आदेश दिए गए हैं

सीनियर डीसीएम के आदेश में बताया गया है कि ‘जय माता दी इन्वेस्टमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, पटना’ को इस कार्य के लिए अधिकृत किया गया है। इस एजेंसी का मुख्यालय का पता जय माँ दुर्गे होटल, बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी, विजय नगर, पत्रकार नगर, पटना-800026 है। जिसमें उल्लेख मिलता है कि गया रेलवे स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में प्रीमियम कार पार्किंग स्टैंड के लिए 3 वर्ष की अवधि हेतु ठेका प्रदान किया गया है।

अनुबंध(करार), निर्देश और तय निर्धारित समय सीमा


जिसका अनुबंध संख्या वाणिज्य(पार्किंग),गया-पीआर-03 दिनांक 31.07.2024 है। इसके संदर्भ में, गया रेलवे स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में प्रीमियम कार पार्किंग स्टैंड का ठेका ई-नीलामी के माध्यम से 3 वर्ष की अवधि अर्थात 16.08.2024 से 15.08.2027 तक के लिए प्रदान किया गया है। सभी नियम व शर्तें, प्रावधान इस प्रकार निर्धारित किया गया है। जिसमें स्पष्ट किया गया है कि पार्किंग स्टैंड निम्नलिखित निर्देशों का कड़ाई से पालन करना है।

आवंटित क्षेत्र और सत्यापन की जिम्मेदारी इन लोगों पर

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आवंटित क्षेत्र (1036 वर्ग मीटर) की सीमाओं का उचित रूप से सीमांकन करेंगे ताकि उपयोग योग्य क्षेत्र की पहचान की जा सके, जिसका सत्यापन स्टेशन प्रबंधक, वरीय अनुभाग अभियंता (वर्क्स) और वाणिज्य पर्यवेक्षक(सामान्य), गया जंक्शन द्वारा किया जाना है। जिसकी एक प्रति आरपीएफ पोस्ट प्रभारी निरीक्षक, आईओडब्ल्यू(कार्य) को भी दी गई है। वस्तुतः देखा जा रहा है कि कार पार्किंग निर्धारित क्षेत्र(आवंटित क्षेत्र) से हटकर किया जा रहा है, परंतु इस तरह गलती के लिए अबतक संवेदक के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई के संदर्भ में जब गया जंक्शन के तीन जिम्मेदार पदाधिकारी से सवाल किए गए तो तीनों एक दूसरे पर अपनी जिम्मेदारियों को टाल गए।

पार्किंग स्थल पर साफ सफाई की जिम्मेदारी संवेदक को

पार्किंग स्टैंड के प्रवेश द्वार पर ज़मीन से ऊपर एक पठनीय टैरिफ बोर्ड लगाना है। जिस पर आवंटित क्षेत्र, पार्किंग टैरिफ दरें, ठेकेदार का नाम और हेल्पलाइन नंबर स्पष्ट रूप से अंकित होना चाहिए। लेकिन, यह स्पष्ट दृष्टिगोचर नहीं है।पार्किंग स्थल की भूमि को हमेशा साफ़-सुथरा और स्वच्छ रखना और भूमि और वाहन स्टैंड से सभी अपशिष्ट या अनुपयोगी संपत्ति या अन्य सामग्री या कूड़ा-कचरा हटाना संवेदक के जिम्मे है लेकिन इसका अनुपालन होते नहीं दिखाई देता है। जबकि ऐसा न करने पर प्रशासन द्वारा उचित दंड लगाने की बात है लेकिन स्थानीय रेल प्रशासन द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही है।

बगैर पहचान पत्र और बैज के कार्य करते हैं कर्मचारी

पार्किंग स्टैंड पर चौबीसों घंटे पर्याप्त, विश्वसनीय, ईमानदार और अच्छे नैतिक चरित्र वाले कर्मचारियों को वर्दी में, स्पष्ट और पठनीय नाम बैज और पहचान पत्र के साथ तैनात करेंगे और उनका नाम (आधार कार्ड और पुलिस सत्यापन) प्रशासन को उपलब्ध कराना है।ल, लेकिन किसी भी कर्मचारियों को यहां विशेष वर्दी में या बैज में नहीं देखा जा रहा है और न तो जिन्हें जिम्मेदारी दी गई है इन चीजों को देखने के लिए, वे इसे देख रहे हैं। ये सब ‘आंख बंद’ करके चल रहे हैं। सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण बातें, जो आपको जानना जरूरी है कि कार पार्किंग के संवेदक द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा के लिए उपयोगकर्ता को एक कम्प्यूटरीकृत कूपन जारी करना है लेकिन इसका भी अनुपालन होते नहीं दिखाई दे रहे हैं।

जानें गया जंक्शन के संबंधित पदाधिकारियों ने क्या- क्या कहा

‘हमने इस तरह की अनियमितताओं पर रोक लगाने के लिए सीएसजी, आरपीएफ इंस्पेक्टर और जीआरपी एसएचओ को पत्र लिखा है। यदि ऐसा हो रहा है तो आर्थिक जुर्माना लगाने का काम सीएसजी को है।’
विनोद कुमार सिंह, स्टेशन प्रबंधक, गया जंक्शन

‘प्रीमियम पार्किंग के लिए निर्धारित(आवंटित क्षेत्र) स्थल से अलग स्थानों पर वाहनों की पार्किंग की जा रही है तो आरपीएफ इंस्पेक्टर द्वारा इस संबंध में कार्यवाही की जानी चाहिए। वे करते भी हैं लेकिन उनके द्वारा जमा कराई जाने वाली जुर्माने की राशि वाणिज्य विभाग के हेड(एकाउंट) में जमा नहीं की जाती है।’
शैलेश कुमार, सीएसजी, गया जंक्शन

‘आरपीएफ पोस्ट द्वारा नो पार्किंग जोन में लगने वाले वाहन के मालिकों से पेनाल्टी की राशि वसूल की जाती है लेकिन प्रीमियम पार्किंग के लिए निर्धारित स्थल से अलग स्थानों पर लगने वाले वाहन के मालिकों के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही का अधिकार सीएसजी को है। इनके द्वारा निर्देश दिए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। नो पार्किंग जोन में आरपीएफ द्वारा निरंतर कार्यवाही की जा रही है।’

बनारसी यादव, निरीक्षक, आरपीएफ, गया जंक्शन

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