देवब्रत मंडल

पूर्व मध्य रेल के डीडीयू मंडल अंतर्गत गया-मानपुर जंक्शन के बीच ग्रैंडकॉर्ड रेलखंड पर आरओबी निर्माण को लेकर एक नया अपडेट सामने आया है। बागेश्वरी गुमटी के पास आरओबी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बैठक 16 सितंबर को गया जी के अपर समाहर्ता के कक्ष में होगी। इस बैठक में अबतक हुए सामाजिक प्रभाव आंकलन की रिपोर्ट(प्रतिवेदन) पर विशेषज्ञ समिति के लोगों के साथ चर्चा, विचार विमर्श व इसका मूल्यांकन किया जाएगा। उम्मीद जताई गई है कि इस बैठक में रखे जाने वाले सुझावों पर सहमति बनाई जाएगी। इसके बाद उसके आधार पर आरओबी के निर्माण कार्य में आगे की कार्यवाही बढ़ेगी।
बैठक में ये सभी रहेंगे शामिल
इस बैठक में मविवि, बोधगया के समाज शास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो. दीपक कुमार, समाज शास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर प्रो. प्रमोद चौधरी, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर-सह-वरीय परियोजना अभियंता आकाश दीप, चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के शोधकर्ता, गया जी नगर निगम के वार्ड नं 04 की पार्षद अनुपमा कुमारी, वार्ड नं 10 के पार्षद गोपाल पासवान एवं भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता शामिल होंगे।
जनसुनवाई में प्रभावित लोगों ने रखी थी अपनी-2 बातें
28 जुलाई को शहर के बागेश्वरी मंदिर के जनसुनवाई हुई थी। जिसमें बागेश्वरी, पावरगंज, बैरागी, पहसी के लोग शामिल हुए थे। चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, पटना के तत्वावधान में हुई इस जनसुनवाई में इस परियोजना से प्रभावित लोगों ने अपनी अपनी बातें रखते हुए सरकार से आग्रह किया था कि यहां पर पुल बनने से उन्हें काफी नुकसान होगा। इस जनसुनवाई में अपर जिला भू अर्जन पदाधिकारी, सदर अंचल के पदाधिकारी उपस्थित हुए थे। प्रभावित परिवारों ने एकस्वर में अपनी हितों की रक्षा करने की बात कही थी। इसके बाद संस्थान ने अपनी रिपोर्ट जिलापदधिकारी को समर्पित किया था।
मुख्यमंत्री पिछले दिनों ही आरओबी निर्माण कार्य की रखी थी आधारशिला
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 3 सितंबर को गया जी आए थे। इस दिन मुख्यमंत्री ने गया जी जिले में अपनी प्रगति यात्रा के क्रम में की गई विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी। जिसमें बागेश्वरी गुमटी पर बनने वाले आरओबी भी शामिल था। इसके अलावा मानपुर के मुफस्सिल मोड़ पर फ्लाई ओवर ब्रिज के निर्माण कार्य योजना की आधारशिला रखी गई थी।
… और इसके बाद
सूत्रों की मानें तो इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद इस आरओबी के निर्माण को लेकर भू अर्जन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। बता दें कि इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए सरकार को अपनी जमीन के अतिरिक्त रैयतों की भी भूमि की आवश्यकता हो रही है। जो प्रक्रियाधीन है।