देवब्रत मंडल

गया रेलवे स्टेशन पर ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते के तहत एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई में एक 11 वर्षीय नाबालिग बालक को सुरक्षित बरामद कर चाइल्ड हेल्प लाइन गया को सुपुर्द किया गया है। बरामद बालक अपने घर से नहीं बल्कि मदरसा से भाग कर गया जंक्शन पर आ गया था। इसके भाग जाने की जो कहानी है, उसके अनुसार लड़का हिंदी स्कूल में पढ़ना चाहता था लेकिन इसके माता पिता ने मदरसे में दाखिला दिलवा दिया। आरपीएफ के इंस्पेक्टर बनारसी यादव ने बताया कि पूछताछ में बालक मदरसे में पढ़ाई करने में असहज महसूस कर रहा था। इसके बाद मदरसे से भाग कर गया जंक्शन पर चला आया।
कार्रवाई की जानकारी:
- नाबालिग बालक की पहचान: बालक की उम्र 11 वर्ष है और वह औरंगाबाद जिले के रफीगंज थाना क्षेत्र के भदवा बाजार का रहने वाला है।
- बालक के भागने का कारण: बालक ने बताया कि उसके माता-पिता ने उसे उर्दू मदरसा में पढ़ने के लिए भेजा था, जबकि वह हिंदी स्कूल में पढ़ना चाहता था। इस वजह से वह मदरसा से भागकर गया रेलवे स्टेशन चला आया।
कार्रवाई की प्रक्रिया:
- आरपीएफ और सीआईबी की टीम ने गया स्टेशन प्लेटफार्म संख्या-1 पर गस्त के दौरान बालक को अकेले और गुमसुम बैठे देखा।
- पूछताछ के बाद बालक को सुरक्षित रखने के लिए आरपीएफ पोस्ट गया लाया गया।
- चाइल्ड हेल्प लाइन गया को सूचित किया गया और केस वर्कर आकाश कुमार ने बालक को सही सलामत प्राप्त किया।
कार्रवाई का उद्देश्य:
- नाबालिग बालकों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना।
- बाल तस्करी और शोषण के मामलों में कार्रवाई करना।
- बालकों को उनके परिवार के पास सुरक्षित पहुंचाना और उनकी देखभाल करना।
इस कार्रवाई के माध्यम से आरपीएफ और चाइल्ड हेल्प लाइन गया ने नाबालिग बालक को सुरक्षित उनके परिवार के पास पहुंचाने का प्रयास किया है और आगे की कार्रवाई के लिए चाइल्ड हेल्प लाइन गया को सुपुर्द किया है।